BRS vs Congress Telangana Politics: 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों हार मिलने के बाद लगभग शांत बैठे भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर (केसीआर) राव बड़ी तैयारी के साथ मैदान में उतरने जा रहे हैं। केसीआर की गैर मौजूदगी में उनके बेटे और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव, टी. हरीश राव और के. कविता ने पार्टी को संभाला हुआ है।
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बीआरएस के सूत्रों का कहना है कि केसीआर पर्दे के पीछे से सब कुछ संभाल रहे हैं और पार्टी के हर कदम को उनकी मंजूरी हासिल होती है। तेलंगाना की राजनीति में कहा जाता है कि केसीआर केटी रामाराव और कविता का ‘मार्गदर्शन’ कर रहे हैं।
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हाल ही में हुई एक बैठक में केसीआर ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि वह कांग्रेस सरकार के कामकाज पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की रेवंत रेड्डी सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है और हम इसका जवाब देंगे।
सीएम रेड्डी ने दिया केसीआर को जवाब
केसीआर के द्वारा यह कहे जाने पर कि पार्टी इस महीने के अंत में कांग्रेस सरकार के शासन को लेकर एक बड़ी बैठक करेगी, मुख्यमंत्री रेड्डी ने तंज कसा कि वह ऐसी करेंसी हैं, जिसकी बीते वक्त में कीमत थी और अब इसकी कोई कीमत नहीं है। तेलंगाना की राजनीति में यह सवाल भी पूछा जाता है कि चुनाव में हार के बाद केसीआर ने राजनीति से अपने कदम पीछे क्यों खींच लिए हैं? बीआरएस के कार्यकर्ताओं का एक वर्ग मानता है कि केसीआर को ‘शानदार वापसी’ करना पसंद है और वह ऐसे शख्स नहीं हैं जो अपने बच्चों के लिए राजनीति से रिटायर हो जाएंगे।
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लोकसभा चुनाव में भी हुआ नुकसान
विधानसभा चुनाव के बाद पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भी बीआरएस को बड़ा झटका लगा था। बीआरएस को बहुत बड़ा राजनीतिक नुकसान हुआ था और इसका फायदा बीजेपी को हुआ था। बीजेपी को लोकसभा चुनाव में तेलंगाना में 2019 में मिली 2 सीटों के मुकाबले 2024 में 8 सीटें मिली थीं और उसका वोट शेयर 19.6% से बढ़कर लगभग 35% हो गया था।
जबकि बीआरएस को कोई सीट नहीं मिली और 2019 में उसका वोट शेयर 41.7% था जो 2024 में गिरकर 16.7% रह गया था। इससे पता चलता है कि बीआरएस को बड़ा नुकसान हुआ और बीजेपी इसकी एक वजह है। तेलंगाना की राजनीति को समझने वाले लोग कहते हैं कि राज्य में बीजेपी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है और उसने केसीआर को काफी कमजोर किया है।
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कुल मिलाकर सीधी बात यही है कि अगर केसीआर को बीआरएस को मजबूत करना है तो उन्हें पार्टी का आधार मजबूत करने के साथ ही छिटके हुए वोटरों को भी फिर से वापस लाना होगा। माना जा रहा है कि जब केसीआर सक्रिय रूप से वापसी करेंगे तो कांग्रेस के साथ ही बीजेपी पर भी जोरदार हमले करेंगे।