कहा जाने लगा है कि वे नेतृत्व के मामले में कमजोर साबित हो रही हैं। कुछ ही दिन हुए हैं प्रधानमंत्री बने, लेकिन लंदन में उनकी गलतियों को लेकर चर्चा होने लगी है। कहा जा रहा है कि उन्हें अपनी क्षमताओं को लेकर अति आत्मविश्वास है। उन्होंने मुक्त बाजार विचारधारा पर कहीं अधिक जोर दिया है। उत्साही थिंक टैंक सिद्धांत जटिल और कम अनुमानित सच्चाई में तब्दील हो गए हैं।
ट्रस अपने नेतृत्व की कड़वी सच्चाई का सामना करने में नाकाम रही हैं। ट्रस और उनके पूर्व वित्त मंत्री को चेतावनी दी गई थी कि बड़े पैमाने पर गैर वित्त पोषित कर कटौती वित्तीय बाजार में काफी घबराहट का माहौल बना देगी। उन्होंने सलाह खारिज कर दी, वित्त विभाग में शीर्ष सिविल सेवक टाम स्कालर को बर्खास्त कर दिया, जिनके पास अच्छा-खास अनुभव था और वह उन्हें अच्छी सलाह दे सकते थे।
ट्रस और क्वासी क्वार्टें ने ‘आफिस फार बजट रेस्पांसिबिलिटी’ का समर्थन लेने से इनकार कर दिया, जबकि इसका गठन बाजार का विश्वास बढ़ाने के लिए उनकी ही कंजरवेटिव पार्टी ने किया था। उन्होंने यह मान लिया कि वह विशेषज्ञों की सलाह खारिज कर सकती हैं।चांसलर के पद से क्वार्टें को बर्खास्त करना राजनीति के लिहाज से सामान्य बात हो सकती है। क्वार्टें ने उनकी नीतियों का समर्थन ही किया था। उनकी बर्खास्तगी के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान संकेत दिखा कि ट्रस ने यह मानना शुरू कर दिया है कि उनके नेतृत्व से जो उम्मीद की जा रही है उसे पूरा करने में वह बुरी तरह नाकाम हो रही हैं।
उन्होंने (ट्रस ने) शायद, आखिरकार यह महसूस करना शुरू कर दिया है कि उन्होंने जो कल्पना की थी वह जमीनी स्तर पर कितनी कठिन हो गई है। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। नेतृत्व वैचारिक प्रयोग के लिए खेल का मैदान नहीं है। उससे योगदान देने की और अपने संगठन को भविष्य की मुश्किलों का सामना करने के लिए बेहतर बनाने की अपेक्षा की जाती है।