मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं, बॉलीवुड हस्तियों और क्रिकेट खिलाड़ियों के बाद अब भारत के सबसे बड़े व्यापारी निकाय कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भारत के 50 शीर्ष उद्योगपतियों से बायकॉट चाइना कैंपेन से जुड़ने की मांग की है। बिज़नस तुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कारोबारी संगठन ने मुकेश अंबानी, रतन टाटा, आदी गोदरेज, अजीम प्रेमजी, कुमार मंगलम बिड़ला और आनंद महिंद्रा से बहिष्कार चीन अभियान का समर्थन करने और अपने व्यवसायों में चीनी इंपोर्टेड प्रोडक्ट का उपयोग न करने की अपील की है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट और सीमा पर भारत-चीन के बीच तनाव को देखते हुए कैट लगातार चीनी माल के बहिष्कार का अभियान चला रहा है। 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 जवान मारे गए थे। इस घटना के बाद से देश में चीन विरोधी माहौल चरम पर है।

रिपोर्ट के मुताबिक CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने उद्योग​पतियों को लिखे लेटर में कहा “हम मानते हैं कि भारत के लोग आपको एक सफल उद्यमी और भारतीय उद्योग के कर्णधारों में से एक मानते हैं। इस तरह हम आपको एक मूल्यवान साझेदार के रूप में आमंत्रित करने में प्रसन्नता महसूस करते हैं और आपसे विनम्र निवेदन करते हैं कि तहे दिल से इस अभियान में शामिल हों और इस जन आंदोलन को अपना पूरा सहयोग दें। यह एक खेल बदलने वाला अभियान है जो भारत के ग्लोबल सुपर पावर बनने की यात्रा को नया आकार दे सकता है और चीन का प्रभुत्व कम कर सकता है।”

खंडेलवाल ने लेटर में आगे लिखा “ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आपका संगठन इस आंदोलन में भाग ले सकता है। आप और आपका संगठन हमेशा एकजुटता और राष्ट्र के समर्थन में मजबूती से खड़े हुए हैं और यह आपके लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है कि राष्ट्र और आपके समर्थन से पहले कुछ भी नहीं आता है। यह पहल निश्चित रूप से देश के अन्य उद्योगपतियों को ‘आत्म निर्भर भारत’ बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।”

कैट ने जिन उद्योग​पतियों को लेटर लिखा है उनमें इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति, गौतम अडानी, अजय पीरामल, विक्रम किर्लोस्कर, सुनील भारती मित्तल, राहुल बजाज, शिव नाडर, पालोनजी मिस्त्री, उदय कोटक, नुस्ली वाडिया, शशि रुइया, मधुकर पारेख, हर्ष मारीवाला, डॉ. सतीश रेड्डी, पंकज पटेल और नीलेश गुप्ता भी शामिल हैं।