बॉम्बे हाई कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक महाराष्ट्र में बाहर से लाकर बीफ खाना और बीफ रखना अब जुर्म नहीं है लेकिन गोहत्या करना अब भी गैरकानूनी होगा। कोर्ट ने कहा कि हम संविधान के गोहत्या पर प्रतिबंध की धारा का समर्थन करते हैं लेकिन यदि कोई बाहर से बीफ लाता है तो उसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। जस्टिस ए.के. ओका ने शुक्रवार को कहा कि जब तक कोई जान बूज कर महाराष्ट्र में बीफ नहीं लाता उस पर आरोप कोई आरोप नहीं लगाया जा सकता।
बता दें कि बीफ बैन के विरोध में कई याचिकाएं कोर्ट में दायर की गईं थीं। महाराष्ट्र एनिमल प्रिवेंशन एक्ट लागू होने के बाद से यहां पर गोहत्या अपराध की श्रेणी में आ गया था। कोर्ट ने 5डी (बाहर से हत्या कर लाए गए मीट को खाना) पर फैसला सुनाते हुए कहा कि यह धाराएं व्यक्ति के निजता के अधिकार का उल्लंघन करती हैं। निजता का अधिकार आर्टिकल 21 के तहत व्यक्ति का मौलिक अधिकार है।
