इससे कुछ ही घंटे पहले इलाके में एक अन्य धमाका हुआ था। पुलिस ने बताया कि अमृतसर में एक सप्ताह के भीतर यह तीसरा विस्फोट है। तीसरा धमाका बुधवार आधी रात को गुरु रामदास जी निवास भवन के पीछे स्वर्ण मंदिर के निकट गलियारे में हुआ।

छह मई को यहां स्वर्ण मंदिर के निकट ‘हेरिटेज स्ट्रीट’ के समीप कम तीव्रता का धमाका हुआ था। इसके 30 घंटे से भी कम समय बाद इलाके में एक और विस्फोट की आवाज सुनाई दी। पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि इन धमाकों की आगे की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किस मंशा से ये धमाके किए गए हैं, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है।

इस बात की भी जांच की जाएगी कि गिरफ्तार किए गए पांचों व्यक्ति ‘स्व-कट्टरपंथी माड्यूल’ का हिस्सा थे या किसी अन्य व्यक्ति के निर्देश पर काम कर रहे थे।गिरफ्तार लोगों की पहचान आजादवीर सिंह, अमरीक सिंह, साहिब सिंह, हरजीत सिंह और धरमिंदर सिंह के तौर पर की है। आजादवीर और अमरीक इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता हैं, ये दोनों क्रमश: अमृतसर और गुरदासपुर जिले के रहने वाले हैं। साहिब, हरजीत और धरमिंदर ने धमाके को अंजाम देने के लिए विस्फोटकों की आपूर्ति कराई थी, ये तीनों अमृतसर के रहने

वाले हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कम तीव्रता का 1.10 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया है जिसका इस्तेमाल आम तौर पर पटाखे बनाने में किया जाता है। हम गिरफ्तार किए गए लोगों के भारत और विदेश में जुड़े सभी सहयोगियों की जांच करेंगे और इसकी तह तक जाएंगे। उन्होंने कहा कि अमरीक की पत्नी से भी पूछताछ की जा रही है और उसकी भूमिका की भी तफ्तीश की जाएगी।

इस मामले में विस्फोटक अधिनियम, गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने राज्य सरकार पर ऐसी घटनाएं रोक पाने में ‘पूरी तरह नाकाम’ रहने का आरोप लगाया। उन्होंने इन घटनाओं के पीछे किसी साजिश का संदेह जताया।

डीजीपी ने बताया कि छह मई को सराय के बाथरूम में ‘आइईडी’ तैयार किया गया और शीतलपेय के दो केन में 200 ग्राम विस्फोटक भरा गया। उन्होंने कहा कि धातु के टिफिन बाक्स में भी यही विस्फोटक सामग्री भरी गई। यादव ने कहा कि तीनों डिब्बों को पालिथिन की एक थैली में रखा गया। छह मई को रात 11 बजे आजादवीर हैरिटेज पार्किंग इमारत की छत पर गया और रस्सी की मदद से पालिथिन की थैली को लटका दिया।

पहला विस्फोट रात 11:25 बजे हुआ। दूसरा ‘आइईडी’ धातु के दो कटोरों का इस्तेमाल कर इकट्ठा किया गया और उन्हें सात मई को सराय के बाथरूम में एक साथ जोड़ा गया। डीजीपी ने कहा कि इसे आठ मई को सुबह साढ़े चार बजे ‘हैरिटेज पार्किंग’ इमारत की छत पर रखा गया और सुबह सवा छह बजे इसमें विस्फोट हुआ। तीसरा विस्फोट इमारत के पीछे सुनसान इलाके में हुआ।