साल 1998 में काले हिरणों के शिकार के मामले में अभिनेता सलमान खान पर शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा चला रही अदालत ने अभिनेता को बयान दर्ज कराने के बाद अपना पक्ष रखने के लिए एक और मौका दिया है। सलमान ने खुद को बेगुनाह बताया था और आरोप लगाया था कि वन अधिकारियों ने उन्हें फंसाया।
अभिनेता का बयान दर्ज करने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुपमा बिजलानी ने गुरुवार को अगली सुनवाई की तारीख चार मई तय की और खान को मामले में अपना पक्ष रखने का एक और अवसर दिया।
बयान दर्ज कराने के दौरान खान को अपनी पहचान की पुष्टि की उसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, जिस पर वह इस मामले में पहले भी गुजर चुके हैं।
सलमान ने अपना धर्म पूछे जाने पर कहा कि वह ‘भारतीय’ हैं। जब अदालत ने उन पर जवाब देने के लिए जोर डाला तो उन्होंने कहा कि वह हिंदू और मुसलमान दोनों हैं और चूंकि पिता मुसलमान और मां हिंदू हैं। बाद में उन्होंने कहा कि वह एक अभिनेता हैं और मुंबई में रहते हैं।
सलमान के वकील एच एम सारस्वत ने कहा कि वह चार मई को अगली सुनवाई पर अपना पक्ष रखेंगे।