केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2022 पेश कर दिया है। इसमें किसानों को लेकर कई घोषणाएं की गई हैं। सरकार ने बजट में एमएसपी का रिकॉर्ड भुगतान करने की बात कही है। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी पर गारंटी कानून के बनने के बाद ही किसानों का फायदा होगा।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत लगातार एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की मांग करते रहे हैं। आज जब बजट पेश हुआ तो एक बार फिर से उन्होंने इसकी मांग दोहराई है। टिकैत ने एमएसपी पर कहा कि इसका फायदा कानून बनने के बाद ही होगा, क्योंकि कानून बनने के बाद व्यापारी एमएसपी से नीचे फसल नहीं खरीदेगा, जिससे किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
टिकैत एमएसपी के साथ-साथ गन्ने के बकाया को लेकर भी योगी सरकार को घेरते नजर आए। टिकैत ने कहा कि पिछले चुनाव में बीजेपी ने वादा किया था कि 14 दिनों के अंदर गन्ने का भुगतान कर दिया जाएगा, ऐसा नहीं होने पर किसानों को ब्याज दिया जाएगा। पांच साल हो गए योगी सरकार को, ये आजतक लागू नहीं हुआ। मार्च से ही किसानों को गन्ने का पैसा नहीं मिला है। आजतक से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि देश में छोटा किसान ही है। बड़ी कंपनी हो सकती है, किसान नहीं।
बता दें कि मंगलवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि समावेशी विकास सरकार की प्राथमिकता है। जिसमें गेहूं, धान, खरीफ और रबी फसलों की खरीद शामिल है, जिससे 1 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा- “163 लाख किसानों से 1,208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान की खरीद की जाएगी। 2.37 लाख करोड़ रुपये उनके खातों में न्यूनतम समर्थन मूल्य का सीधा भुगतान होगा।”
इसके अलावा वित्तमंत्री ने कहा कि रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती को पूरे देश में बढ़ावा दिया जाएगा। इसकी शुरुआत गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर चौड़े गलियारों से होगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए, राज्य सरकारों और एमएसएमई की भागीदारी के लिए एक व्यापक पैकेज पेश किया जाएगा।