हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भेदभाव बरता जाना सालों से जारी है, लेकिन मारे गए दलित छात्र रोहित वेमुला को Anti National (राष्ट्र विरोधी) बताकर एनडीए सरकार हिंदुत्व विरोधी तत्वों को कड़ा संदेश देना चाहती है। याकूब मेनन को दी गई फांसी के खिलाफ रोहित के रुख को ‘आतंक के लिए समर्थन’ वाला बताने के बीजेपी के कथित दावे को ओवैसी ने ‘बकवास’ करार दिया। ओवैसी के मुताबिक, मुंबई धमाकों के मामले में याकूब मेमन की फांसी का विरोध करने वाले अंबेडकर स्टूडेंट असोसिएशन के मसले को उठाकर केंद्र न केवल दलितों के खिलाफ हो रहे भेदभाव के मुद्दे को दरकिनार कर रही है बल्कि हिंदुत्व का मैसेज देना भी चाह रही है।
ओवैसी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, ”रोहित को राष्ट्र विरोधी के तौर पर पेश करने के लिए एनडीए सरकार ने जानबूझकर यह मामला उठाया है। वे सभी हिंदुत्व विरोधी और एबीवीपी विरोधी लोगों को संदेश देना चाहते हैं। रोहित के मामले में प्रॉक्टोरल रिपोर्ट में याकूब मेमन का कोई जिक्र नहीं है। जो कुछ हुआ उसकी वजह अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एएसए) और एबीवीपी के बीच हुआ टकराव है। एएसए यह भी चाहती थी कि मुजफ्फरनगर दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाए। एएसए ने अंबेडकर का हवाला देते हुए फांसी की सजा का विरोध किया था। हालांकि, यह बेहद निंदनीय है कि बीजेपी अब रोहित को राष्ट्र विरोधी बता रही है। वो ऐसा इसलिए कर रही है ताकि दलित मुद्दे से खुद को अलग कर सके। ”