राजस्थान के शहरी निकायों के चुनाव में भी भाजपा ने भारी जीत दर्ज कर अपना दबदबा कायम रखा है। राज्य के 46 शहरी निकायों में से आधे से ज्यादा में भाजपा ने बहुमत हासिल किया है। जयपुर सहित पांच नगर निगमों में भाजपा ने बहुमत हासिल कर कांग्रेस का सफाया कर दिया है। कांग्रेस को सिर्फ तीन निकायों में ही बहुमत हासिल हो पाया है।
राज्य के 46 शहरी निकायों के चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित हो गए। इन चुनावों में भी भाजपा ने विधानसभा और लोकसभा का प्रदर्शन ही दोहराया। जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और बीकानेर के नगर निगमों में भाजपा ने साफ बहुमत हासिल किया है। भरतपुर नगर निगम में किसी भी दल को बहुमत हासिल नहीं हुआ है। भरतपुर में बोर्ड बनाने में निर्दलीय पार्षदों की अहम भूमिका रहेगी।
भाजपा को सबसे शानदार जीत जयपुर और उदयपुर में हासिल हुई। जयपुर में 91 वार्डो में से भाजपा ने 64 में जीत हासिल की और कांग्रेस को सिर्फ 18 वार्डों में ही कामयाबी मिल पाई। उदयपुर के 55 वार्डों में से 49 में भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर कांग्रेस का सफाया ही कर दिया। उदयपुर में गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया का इलाका है। भाजपा ने कटारिया को ही प्रदेश भर में निकाय चुनावों का प्रभारी बनाया था। कटारिया ने अपने गृह इलाके में भाजपा को शानदार जीत दिला कर अपनी ताकत भी दिखा दी।
कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका जोधपुर की हार से लगा है। कांग्रेस को उम्मीद थी कि जोधपुर और बीकानेर नगर निगम में उसे बढ़त हासिल होगी। इन दोनों शहरों में अरसे तक कांग्रेस ही चुनाव जीतती रही है। इस बार भाजपा ने जोधपुर और बीकानेर में जीत के लिए विशेष रणनीति बनाई थी। जोधपुर में तो भाजपा ने प्रदेश स्तर के नेताओं को ही पार्षद का चुनाव लड़वाया था। इसी का नतीजा रहा कि भाजपा को जोधपुर में आसानी से बहुमत हासिल हो गया। बीकानेर में भाजपा नेताओं की गुटबाजी के बावजूद कांग्रेस अपना पुराना प्रदर्शन कायम नहीं रख पाई। कांग्रेस को सीकर, बालोतरा और कैथून नगर परिषदों में ही साफ बहुमत मिल पाया है। प्रदेश के एक दर्जन शहरी निकायों में निर्दलीय पार्षदों ने बढ़त हासिल कर दोनों प्रमुख दलों को पछाड़ दिया।
राज्य में 46 शहरी निकायों के लिए 22 नवंबर को वोट डाले गए थे। राज्य चुनाव आयोग के अनुसार मंगलवार को वोटों की गिनती की गई और नतीजे घोषित किए गए। इन निकायों के प्रमुखों के लिए बुधवार को चुनाव होगा। प्रदेश में पिछली बार निकाय प्रमुखों का चुनाव भी सीधे जनता ने ही किया था। इसमें इस बार बदलाव कर दिया गया और अब निर्वाचित पार्षद ही मेयर, सभापति और अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा और भरतपुर में मेयर का चुनाव होगा। इसके लिए प्रदेश भाजपा में कसरत शुरू हो गई है। जयपुर में मेयर पद के लिए भाजपा के आधा दर्जन पार्षद दावेदार हैं। प्रदेश भाजपा का कहना है कि बुधवार सवेरे ही मेयर के उम्मीदवारों का एलान होगा। इसमें भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पसंद ही सबसे आगे रहेगी।
निकाय चुनावों की जीत को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी ने बड़ी जीत करार दिया है। परनामी ने इस जीत के लिए प्रदेश की वसुंधरा सरकार के कामकाज को बताया है। उनका कहना है कि जनता कांग्रेस मुक्त प्रदेश की राह पर चल पड़ी है। भाजपा ने कार्यकर्ताओं की मेहनत और एकजुटता से एक बार फिर जीत मिलने का दावा किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने हार को स्वीकार करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने मेहनत से चुनाव लडा। पायलट का कहना है कि जनता ने केंद्र और राज्य की सत्ताधारी पार्टी को ही शहरों में सरकार बनाने का फैसला किया है। पायलट का कहना है कि कांग्रेस अब अगले दो महीने बाद होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटेगी। कांग्रेस ने इस चुनाव में युवाओं को ज्यादा मौका देकर पार्टी का आधार बढ़ाने का काम किया है।