उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार का अंदरूनी झगड़ा बाहर आ चुका है। मंगलवार (13 सितंबर) से पार्टी के अंदर शुरू हुई उठापटक बुधवार (14 सितंबर) को सबके सामने आ गई। बुधवार सुबह सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के भाई और मंत्री शिवपाल यादव ने इशारा किया कि वो इस्तीफा भी दे सकते हैं। शिवपाल के बयान के कुछ घंटों बाद ही यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा कि ये झगड़ा सपा परिवार के अंदर नहीं बल्कि सरकार के अंदर है। सीएम अखिलेश ने कहा कि पार्टी में हर कोई नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की बात मानता है और मानेगा। बुधवार शाम जब मुलायम ने शिवपाल और अखिलेश को अपने दिल्ली स्थित आवास पर बुलाया तो अखिलेश नहीं पहुंचे। हालांकि मुलायम से मिलने के बाद शिवपाल ने पार्टी या सरकार छोड़ने की अटकलों को गलत बताया।
झगड़ा सपा परिवार को हो या सरकरा का इसमें मुलायम परिवार से बाहर के भी कई लोग शामिल प्रतीत हो रहे हैं। सीएम अखिलेश ने भी सार्वजनिक तौर पर “परिवार से बाहर के आदमी” की भूमिका पर सवाल उठाए। कुछ लोगों ने माना कि अखिलेश का इशारा सपा के राज्य सभा सांसद अमर सिंह की तरफ था। हालांकि अमर सिंह ने कहा कि अखिलेश ने अाज तक उनके बारे में एक शब्द नहीं कहा और न ही ताजा बयान उनके बारे में है।
सीएम अखिलेश “परिवार से बाहर के आदमी” के बारे में जिसकी तरफ भी इशारा कर रहे हों सपा परिवार में एक नई एंट्री पिछले कुछ समय से सबकी निगाहों में है। मीडिया मुगल शुभाष चंद्रा वैसे तो बीजेपी की मदद से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपने गृह प्रदेश हरियाणा से राज्य सभा पहुंचे हैं लेकिन समाजवादी पार्टी में भी उनकी पैठ बढ़ी है। सूत्रों के अनुसार सपा की अंदरूनी कलह में भी चंद्रा अहम भूमिका निभा रहे हैं। पार्टी के सूत्रों की मानें तो बुधवार को चंद्रा ने मुलायम सिंह यादव से उनके दिल्ली आवास पर लम्बी बैठक की। राजनीतिक जानकारों के अनुसार चंद्रा सपा परिवार की कलह को शांत करने में मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में चंद्रा को शिवपाल और अमर सिंह का करीबी माना जाता है। चंद्रा जब राज्य सभा चुनाव जीते थे तो अमर सिंह ने दिल्ली में शानदार दावत दी थी। इसी साल जब शिवपाल के बेटे आदित्य ने राज लक्ष्मी ने शादी की तो सुभाष चंद्रा और अमर सिंह ने दिल्ली में मिलकर शानदार रिसेप्शन दिया था। उस वक्त अकटल लगायी गयी थी कि चंद्रा सपा के टिकट पर राज्य सभा जा सकते हैं। हालांकि बाद में चंद्रा निर्दलीय के तौर पर बीजेपी की मदद से उच्च सदन के सदस्य बने।
[jwplayer NdpUiD4d]
