बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को वोट ना डालने के मामले में कारण बताओ नोटिस भेजा है। पार्टी ने नोटिस पर दो दिन के अंदर उन्हें अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
झारखंड की हजारीबाग सीट से मनीष जयसवाल को बीजेपी का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से जयंत सिन्हा पार्टी के कामों में में हिस्सा नहीं ले रहे हैं और वह प्रचार में भी नज़र नहीं आए हैं। इस बात का ज़िक्र पार्टी ने नोटिस में भी किया है।
जयंत सिन्हा फिलहाल हजारीबाग सीट से मौजूदा सांसद हैं। उन्होंने मार्च में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई थी। हालांकि बाद में खबर आई थी कि वह टिकट चाहते थे और टिकट ना मिलने से नाराज़ दिखाई दिए थे।
नोटिस में क्या है?
भाजपा के राज्य महासचिव आदित्य साहू ने एक नोटिस में लिखा,”जब से पार्टी ने मनीष जयसवाल को हज़ारीबाग़ लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है तब से आप संगठनात्मक कार्यों और चुनाव प्रचार में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। आपको अपने वोट का प्रयोग करने की ज़रूरत भी महसूस नहीं हुई। इससे पार्टी की छवि खराब हुई है।” पार्टी ने जयंत सिन्हा से दो दिनों के भीतर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। अभी तक सिन्हा ने पार्टी के नोटिस का जवाब नहीं दिया है।
जयंत सिन्हा ने दिए थे चुनाव नहीं लड़ने के संकेत
जयंत सिन्हा ने 2 मार्च को एक्स पर एक पोस्ट में भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से को लिखा था, “मुझे मेरे चुनावी कर्तव्यों से मुक्त कर दिया जाए।”
उन्होंने लिखा था, “मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।” कुछ घंटों बाद भाजपा ने मनीष जयसवाल को हजारीबाग से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था। फिलहाल यह साफ नहीं है कि जयंत सिन्हा क्यों पार्टी के कामों में भाग नहीं ले रहे हैं। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि यह उनकी टिकट कटने की नाराजगी के रहते उठाया गया कदम हो सकता है।
