आरएसएस ने भाजपा से कहा है कि वह जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से पूछे कि वह भारतीय हैं या नहीं तथा वह राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव करवाने के लिए पाकिस्तान और आतंकवादियों को धन्यवाद जैसी टिप्पणियां करके ‘‘दोहरा मापदंड’’ नहीं अपना सकते।

संघ के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ में छपे ‘स्पार्किंग कंट्रोवर्सी (विवाद छेड़ना)’ शीर्षक आलेख में यह बात कही गयी है। आलेख पूर्व सीबीआई प्रमुख जोगिन्दर सिंह ने लिखा है। आलेख में उन 3.70 लाख हिन्दू एवं सिखों की दुर्दशा को लेकर भारत सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना की गयी है जिन्हें कश्मीर घाटी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने सरकार से कहा है कि ऐसे लोगों के बारे में कुछ निर्णय करने के लिए ‘‘इच्छा शक्ति’’ दिखाने की जरूरत है।

सिंह ने कहा कि सईद ने शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव होने देने के लिए पाकिस्तान, अलगाववादी एवं आतंकवादियों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने आलेख में कहा, ‘‘गठबंधन भागीदार, भाजपा को पीडीपी नेता से यह स्पष्ट करने के लिए साफ शब्दों में कहना चाहिए कि क्या वह भारतीय हैं या नहीं। क्या वह भारत के वफादार हैं या नहीं। वह दोनों हाथों में लड्डू रखने की दोहरी नीति नहीं अपना सकते।’’

कश्मीर घाटी से पलायन करने वाले हिन्दुओं और सिखों के अधिकारों का संरक्षण करने में ‘‘अकर्मण्यता’’ दिखाने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए सिंह ने कहा कि केन्द्र ने उनके लिए तो कानी अंगुली भी नहीं उठायी। उन्होंने 3.70 लाख हिन्दुओं एवं सिखों की चर्चा किये बिना कश्मीर को रियायत देना जारी रखने पर भी केन्द्र की आलोचना की।