सत्ता की खींचतान के बीच महाराष्ट्र में अब भी सरकार बनाने को लेकर राजनीतिक उठापटक जारी है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा की सरकार बनाने को लेकर बयान दिया है। अठावले ने शिवसेना नेता संजय राउत को सरकार बनाने का एक खास फॉर्म्युला सुझाया है। उन्होंने राउत से बीजेपी को 3 साल और शिवसेना को 2 साल के लिए सीएम पद दिए जाने की बात कही। अठावले के इस सुझाव पर राउत ने जवाब दिया कि शिवसेना इस बारे में विचार कर सकती है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुकाबिक रामदास अठावले ने कहा है कि मैंने संजय राउत से समझौते के बारे में बातचीत की है। मैंने उन्हें तीन साल (भाजपा से सीएम) और दो साल (शिवसेना से सीएम) का फॉर्मूला सुझाया, जिस पर उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सहमत होती है तो शिवसेना इस बारे में सोच सकती है। मैं भाजपा के साथ इस पर चर्चा करूंगा।
Union Minister Ramdas Athawale: I had talked to Sanjay Raut ji about a compromise. I suggested him a formula of 3 years (CM from BJP) and 2 years (CM from Shiv Sena) to which he said that if BJP agrees then Shiv Sena can think about it. I will discuss this with BJP. pic.twitter.com/VRn7AiVgHF
— ANI (@ANI) November 18, 2019
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस और राकांपा ने फिर मुलाक़ात की है। बैठक के बाद शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के सियासी हालात पर सोनिया से चर्चा हुई, सरकार गठन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है। अब दोनों पार्टियों के नेता बातचीत कर आगे का रास्ता निकालेंगे। बैठक से पहले ही सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया था कि सरकार गठन में अभी कुछ दिन का वक्त और लग सकता है।
भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन से समर्थन के लिये संपर्क किया था। संसद का शीत्र सत्र शुरू होने से पहले शरद पवार ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘भाजपा-शिवसेना साथ लड़े, हम (राकांपा) और कांग्रेस साथ मिलकर लड़े। उन्हें अपना रास्ता चुनना है और हम अपनी राजनीति करेंगे।’’
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और बहुमत के लिये जरूरी आंकड़ा 145 विधायकों का है। भाजपा और शिवसेना ने 105 और 56 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा आसानी से हासिल कर लिया था लेकिन मुख्यमंत्री पद पर साझेदारी को लेकर दोनों में सहमति नहीं बनी और सरकार भी नहीं बन पाई। कांग्रेस और राकांपा के बीच भी चुनाव पूर्व गठबंधन था और उन्होंने 44 और 54 सीटें जीती थीं।