भाजपा शासित गुजरात में पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन पर सवाल उठ रहे हैं। राज्य के वडोदरा में प्रदूषित जल का मुद्दा इन दिनों प्रमुखता से छाया हुआ है। स्थिति यह है कि स्थानीय पार्षद कांग्रेस के अनिल परमार ने इस मुद्दे पर अपने समर्थकों के साथ विरोध जता रहे हैं।
परमार ने अपने स्थानीय नागरिकों व समर्थकों के साथ अजवा वाटर टैंक के पास सामूहिक रूप से सार्वजनिक स्नान किया। इससे पहले पार्षद की तरफ से गंदे पानी को लेकर स्थानीय निकाय को लगातार शिकायतें दी जा चुकी हैं। परमार का कहना है कि वडोदरा में प्रदूषित पानी एक मजाक बन गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्य फिल्टर करने वाले प्लांट की सफाई और अधिकारियों के सस्पेंशन के बावजूद पानी की गंदगी में कोई बदलाव नहीं आई है। स्थानीय नागरिक को रोजाना खराब गुणवत्ता वाला पानी प्रयोग करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं वडोदरा नगर निगम का कहना है कि वह इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास कर रही है।
वास्तविकता यह है कि वे लोग इस दिशा में कोई प्रयास ही नहीं कर रहे हैं। उन्हें लोगों की कोई परवाह ही नहीं है। कांग्रेस पार्षद अनिल परमार ने कहा कि सत्ताधारी दल के असंवेदनशील रवैये के प्रति सांकेतिक विरोध दर्शाने के लिए सार्वजनिक रूप से स्नान किया। परमार और उनके समर्थकों ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। उन लोगों ने जनता से इस सामूहिक आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया।
कांग्रेसी पार्षद ने कहा कि गंदे पानी की समस्या को आठ महीने से अधिक हो गए हैं लेकिन इसको लेकर कोई तत्परता नहीं दिखाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोगों को पैसे देकर पानी के टैंकर और पीने का पानी मंगाने की सलाह दी जा रही है। यह कुछ नहीं बल्कि खुले रूप से भ्रष्टाचार है।
इस बारे में वीएमसी सिटी इंजीनियर पीएम पटेल ने कहा कि प्रदूषित पानी की समस्या निमेता फिल्टरेशन वाटर प्लांट की मेंटनेंस से जुड़ा हुआ था। इस समस्या को दूर कर लिया गया है। इंजीनियर इस बात को सुनिश्चित कर रहे हैं कि कहीं पीने के पानी के साथ सीवेज लाइन का पानी तो नहीं मिल जा रहा है।

