#SelfiewithGuru: गुरु पूर्णिमा के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सेल्फी विद गुरु (#SelfiewithGuru) अभियान की शुरुआत की है। पूर्णिमा से एक दिन पहले सोमवार (15 जुलाई, 2019) को खुद मानव संसाधन और विकास मंत्री डॉ.रमेश पोखरियालय निंशक ने इस बाबत देश भर के स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं और अन्य विधाओं का प्रशिक्षण लेने वालों से अपने गुरु के साथ सेल्फी खींचकर ऑनलाइन पोस्ट करने की अपील की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि भारत को दुनिया भर में गुरु-शिष्य की परंपरा के कारण अलग दर्जा (विश्व गुरु का) प्राप्त है। सेल्फी अभियान के जरिए सभी शिष्यों को अपने गुरुओं को आदर और सम्मान देना चाहिए। मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के आधिकारिक टि्वटर अकाउंट से इससे जुड़ा ट्वीट भी किया गया। लिखा गया, “गुरु पूर्णिमा के लिए आज केंद्रीय मंत्री निंशक ने सेल्फी विद गुरु अभियान शुरू किया, जिसमें सभी से भाग लेने के लिए कहा गया। अभियान के तहत लोगों को अपने शिक्षकों के साथ सेल्फी खींचकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करनी होगी और बताना होगा कि उनकी जिंदगी में उन शिक्षकों का क्या महत्व है।”
ट्वीट के साथ डॉ.निंशक का एक वीडियो संदेश भी था, जिसमें उन्होंने कहा, “गुरु ही ब्रह्मा है, विष्णु है और महेश है। गुरु साक्षात देवता है और हमारे देश में इस गुरु-शिष्य की परंपरा ने पूरे विश्व में हमें अलग दर्जा (विश्व गुरु का) दिया है। मैं अपने सभी छात्र-छात्राओं और प्रशिक्षण क्षेत्र में विभिन्न विधाओं में, उनसे अनुरोध करूंगा कि कल गुरु पुर्णिमा का दिन है। हम जीवन में किसी न किसी को आदर्श या गुरु मानते हैं। जो गुरु हमें सब सीमाओं से ऊपर उठाता है, एक-एक पल उनके मार्गदर्शन में हम आगे बढ़ते हैं। इसलिए कल अपने गुरु के साथ अपने गुरु के साथ सेल्फी खींचकर आदर का भाव प्रदर्शित करें।”
देखें, उन्होंने और क्या कहाः
To mark the occasion of Guru Purnima, Union HRD Minister @DrRPNishank today launched a people’s campaign #SelfiewithGuru inviting participation from all to post their selfie with their teachers on social media and highlight the importance of teachers in our lives. @PMOIndia pic.twitter.com/Tu6Oa97ESX
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) July 15, 2019
क्या है गुरु पूर्णिमा?: आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाई जाती है। महर्षि वेद व्यास का इसी दिन जन्म हुआ था, लिहाजा इसको व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस पूर्णिमा पर शिष्य गुरु की खास पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें तोहफे भेंट करते हैं। जानकारों के मुताबिक, इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है।

