महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी खींचतान के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि वह शिवसेना की मांग नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना की 50-50 की मांग गलत है। राज्य में राष्ट्रपति शासन के फैसले को उन्होंने सही करार दिया। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सभी दलों को समय दिया लेकिन किसी ने भी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया जिसके बाद राज्यपाल ने उचित कदम उठाया।
उन्होंने कहा है कि 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार गठन के लिए 18 दिन का समय था जो कम नहीं होता। इससे पहले किसी भी राज्य में इतना समया नहीं दिया गया था। अगर किसी के पास संख्याबल था उन्होंने सरकार का गठन क्यों नहीं किया गया। जिनके पास आंकड़ें हैं वह राज्यपाल के पास जाएं। किसी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। शिवसेना से कभी भी 50-50 फार्मुले पर पर बात नहीं हुई थी। हमने प्रचार के समय कहा था कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे। शिवसेना की नई मांगें गलत हैं।
शाह ने कहा ‘वह हमसे 2 दिन मांग रहे थे उन्हें 6 महीने दे दिए गए हैं। बके पास समय है और कोई भी जा सकता है। किसी के पास आज भी बहुमत है तो वह सरकार बनाने का दावा करे। राज्यपाल ने सभी को मौका दिया। मैं महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव नहीं चाहता।’
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े से 40 सीट दूर रह गई। बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। वहीं एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की।
फिलहाल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस राज्य में गठबंधन सरकार के विकल्प पर विचार विमर्श कर रहे हैं। अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि तीनों दल साथ मिलकर सरकार बनाएंगे या नहीं। एक तरफ हिंदुत्व विचारधारा वाली शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस में ही एकमत नहीं है तो दूसरी तरफ मंत्रालय और ढाई-ढाई साल सीएम पद को लेकर शिवसेना और एनसीपी आमने-सामने हैं।