लोकसभा चुनाव नजदीक है और संसद का शीतकालीन सत्र खत्म होने के बाद राजनैतिक पार्टियां पूरे जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुट चुके हैं। भाजपा का हाल ही में दिल्ली में कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ, इस दौरान चुनाव को लेकर संभावित रणनीति पर भी चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा में आगामी आम चुनावों को लेकर हुई रणनीतिक चर्चा में कुछ बातों पर आम सहमति बनती दिखाई दी, जो कि निम्न हैं।
पीएम मोदी के दम पर चुनाव में उतरेगी भाजपाः साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था और ऐतिहासिक जीत दर्ज की। अब सरकार के 5 साल बीत जाने के बाद ऐसी चर्चाएं हैं कि पीएम मोदी का जादू पहले के मुकाबले कुछ फीका पड़ा है। ऐसे में खबरें आ रहीं थी कि भाजपा 2019 के चुनावों में भाजपा पीएम मोदी को ही आगे रखेगी, साथ ही कुछ और प्रभावशाली नेताओं को भी चुनाव प्रचार के दौरान आगे किया जा सकता है। लेकिन अब मिल रही खबरों के मुताबिक भाजपा ने 2014 की तरह 2019 में भी पीएम मोदी के दम पर ही चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। भाजपा पीएम मोदी के सामने किसी प्रभावशाली नेता की कमी को मुद्दा बना सकती है।
बेदाग सरकारः कांग्रेस हाल फिलहाल राफेल, नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे मुद्दों को खूब उछालकर भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही है। हालांकि भाजपा का दावा है कि मोदी सरकार पिछले 5 सालों के दौरान बेदाग रही है और इसी बात को भाजपा चुनाव प्रचार में बतौर अपना मजबूत पक्ष पेश करेगी। बेदाग सरकार के अलावा भाजपा मोदी सरकार में हुए कई अहम योजनाओं को भी जनता के सामने रखेगी। केन्द्र सरकार ने हाल के समय में कई महत्वकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है, ऐसे में भाजपा उन योजनाओं को पूरा करने के नाम पर जनता से एक कार्यकाल और देने की मांग कर सकती है।
कड़े फैसले लेने वाली सरकारः भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी सरकार को कड़े फैसले लेने वाली सरकार के तौर पर जनता के सामने पेश करने की कोशिश करेगी। नोटबंदी, जीएसटी, सर्जिकल स्ट्राइक या फिर गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने की बात, ये कुछ ऐसे कड़े फैसले हैं, जिन्हें सरकार अपनी उपलब्धि के तौर पर पेश कर सकती है।
गरीबों की सरकार!: विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि मोदी सरकार अमीरों की सरकार है। ऐसे में भाजपा विपक्ष के इन आरोपों को झुठलाने और मोदी सरकार की छवि गरीबों की हितैषी सरकार के तौर पर बनाने के लिए चुनाव प्रचार के दौरान अपनी कई अहम योजनाओं को जनता के सामने रखेगी। जिनमें उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत, सौभाग्य, स्वच्छ भारत, जन-धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शामिल हैं।
चुनावी नाराः चुनावों के दौरान नारों की बड़ी अहमियत होती है। ये नारे ही होते हैं, जो जनता के बीच किसी पार्टी या नेता के पक्ष में माहौल बनाते हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत में उसके नारे ‘अबकी बार मोदी सरकार’ की अहम भूमिका रही। ऐसे में इस साल होने वाले आम चुनावों में भी भाजपा ऐसे ही किसी लोकप्रिय नारे के साथ चुनाव मैदान में उतर सकती है।
महागठबंधन पर वारः आम चुनावों को देखते हुए विपक्षी पार्टियां भाजपा सरकार के खिलाफ महागठबंधन करने की जुगत में भिड़ी हैं। उत्तर प्रदेश में तो बसपा और सपा ने गठबंधन का ऐलान कर भाजपा के लिए मुश्किल भी खड़ी कर दी है। लेकिन भाजपा ने इसकी काट खोजने के लिए इसे मजबूरी का गठबंधन के रुप में प्रचारित करना शुरु कर दिया है। भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान भी महागठबंधन से मिलने वाली कथित मजबूर सरकार को लेकर भी जनता को चेता सकती है।