गुजरात के कच्छ से भाजपा सांसद विनोद चावड़ा ने पार्टी नेतृत्व से आगामी आम चुनाव के मद्देनजर 26 लोकसभा सीटों पर तैयारियों के लिए बनाई गई कमेटी में दलित समुदाय के व्यक्ति को भी सदस्य के रूप में शामिल करने की मांग की। इस साल मई महीने में गुजरात भाजपा इकाई द्वारा कमेटी का गठन किया गया था। इसमें मुख्यमंत्री विजय रूपानी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपला, मनसुख मांडवीय, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीतू वघानी जैसे वरिष्ठ नेता सदस्य के रूप में शामिल हैं। वहीं, इस कमेटी के अन्य सदस्य राज्य मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा, कौशिक पटेल, गणपत वासवा, पार्टी नेता भरत सिंह परमार, भार्गव भट्ट, आई के जडेजा, शंकर चौधरी और हीरा सोलंकी हैं।
नितिन पटेल, पुरुषोत्तम रूपला, मनसुख मांडवीय और कौशिक पटेल पाटीदार हैं। भूपेंद्र सिंह चुडासमा और आई के जडेजा क्षत्रिय समुदाय से आते हैं। भरत सिंह परमान, जो कि पूर्व राज्ससभा सदस्य रह चुके हैं, क्षत्रिय हैं। जबकि, गणपत वासवा आदिवासी नेता हैं। शंकर चौधरी और हीरा सोलंकी ओबीसी समुदाय के हैं। भार्गव भट्ट ब्राह्म्ण समुदाय के हैं और वे पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।
चावड़ा ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “चुनाव पैनल में अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व नहीं है। मुझे इस बारे में पार्टी कार्यकर्ताओं से जानकारी मिली और मैंने इसकी सूचना पार्टी नेतृत्व को दी। गुजरात के पार्टी नेतृत्व को मैंने मौखिक तौर पर इसकी जानकारी दी है। हालांकि, अभी तक इस मुद्दे पर कुछ नहीं हुआ है। मैं इस बारे में पार्टी नेतृत्व को याद दिलाता रहूंगा।” कच्छ के एक भाजपा कार्यकर्ता ने कहा, “पैनल में दलित समुदाय के किसी व्यक्ति को सदस्य नहीं बनाए जाने पर इस समाज के पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। हमने इस बाबत अपनी मांग सांसद के सामने रखी कि दलित समुदाय के किसी व्यक्ति को कमेटी में होना चाहिए।”
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीतू वघानी ने चावड़ा द्वारा इस तरह की किसी तरह की बात सूचना (मांग की जानकारी) दिए जाने से इंकार किया है। उन्होंने कहा, “यहां ऐसी कोई मांग नहीं होनी चाहिए क्योंकि कमेटी ‘आतंरिक प्रशासन’ का एक हिस्सा है और इसका गठन अभियान के तरीकों पर सिर्फ निर्णय लेने के लिए किया गया है। यह कमेटी पार्टी के प्रबंधन का एक हिस्सा है। हमारे पास दलित मोर्चा है। शंभु प्रसाद (दलित समुदाय के नेता और राज्यसभा में भाजपा सदस्य) पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं। यह बोर्ड चुनाव के समय टिकट बंटवारे में निर्णय लेता है।”