पिछले कुछ समय से कृषि कानून को लेकर लेकर अपनी ही पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले भाजपा सांसद वरुण गांधी एक बार फिर से किसानों के समर्थन में सामने आए हैं। किसानों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा है कि ताकत का इस्तेमाल खुद को आगे बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि दूसरों को ऊपर उठाने के लिए होता है।

पिछले दिनों उत्तरप्रदेश के बरेली में एक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान भाजपा सांसद वरुण गांधी ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि किसान देश से कुछ नहीं मांग रहा है बल्कि वह अपना अधिकार मांग रहा है। उस अधिकार को दिलाने के लिए मेरे जैसे लोग राजनीति में आए हैं। साथ ही उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा कि मैं इतने साल का सांसद रहा, आपने कभी सुना वरुण गांधी ने किसी को तंग किया क्षेत्र में, कभी आपने सुना कि मैंने कभी झगड़ा कराया या पार्टी बंदी कराई गांव में, कभी आपने सुना कि मैंने 1 रुपए का भ्रष्टाचार किया। 

आगे वरुण गांधी ने कहा कि आपको पता है कि बाकी जो नेता हैं वह क्या करते हैं आप अच्छी तरह जानते हैं। मैं नाम नहीं लेना चाहता, थानों से, खनन से, प्रधानों से, इधर से, उधर से। लेकिन मैंने तो आज तक सांसद की अपनी तनख्वाह तक नहीं ली, मैंने तो आज तक सरकारी आवास नहीं लिया। सरकारी गाड़ी में कभी नहीं घूमता। मैंने एक चीज तय की है एक ईमानदारी और दूसरी बहादुरी। 

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि हमने देश से ताकत मांगी, आपने हमें ताकत दी। लेकिन इस ताकत का मतलब यह नहीं कि आप अपने आप को उठाओ। ताकत इस्तेमाल की जाती है दूसरों को उठाने के लिए। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं 13 साल से सांसद हूं.. सुल्तानपुर से 5 साल और पीलीभीत से 8 साल रहा। आज तक मुझे कोई सांसद जी कहकर नहीं बुलाता, सब लोग मुझे भैया बुलाते हैं। यह सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगता है कि लोग अपनत्व भाव से मुझे बुलाते हैं। कोई नहीं कहता कि सांसद जी इधर आओ, लोग कहते हैं भैया मेरी बात सुनो। यह एक बड़ी बात है और दिल को छू लेने वाली बात है।

इस दौरान भाजपा सांसद वरुण गांधी ने लोगों से यह भी कहा कि एक बात याद रखना.. मेरे ऊपर अपना अधिकार रखना। आपकी जाति क्या हो, धर्म क्या हो, मुझे कोई लेना देना नहीं है। आप मेरे अपने खून हो। कोई भी दिक्कत हो, परेशानी हो, कोई भी दवाब आए तो मैं न्याय दिलाने के लिए दो-दो हाथ कर दूंगा। बता दें कि पिछले काफी दिनों से किसानों को लेकर मुखर भाजपा सांसद वरुण गांधी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया है। साथ ही उनकी मां मेनका गांधी को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया गया है।