पिछले सप्‍ताह दिल्‍ली में दलितों की एक बड़ी रैली आयोजित करने के बाद भाजपा सांसद उदित राज लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करते दिखे। बताया जाता है कि उन्‍होंने रैली के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। उदित राज ने बताया कि किस तरह से उन्‍होंने दलित मजदूरों को कैशलैस अर्थव्‍यवस्‍था के फायदों के बारे में बताया। उन्‍होंने बताया कि रैली में उन्‍होंने लोगों से कहा कि यदि वे चैक से पेमेंट लेंगे तो कोई भी ठेकेदार उनके साथ धोखा नहीं कर पाएगा। भाजपा सांसद ने पीएम से नोटबंदी के चलते अर्थव्‍यवस्‍था में लौट रहे कालेधन से दलित और आदिवासी छात्रों के लिए सोशल कॉम्‍पोनेंट प्‍लान बनाने की अपील भी की। इस दौरान मोदी ने उदित राज से उनकी नीली टोपी के बारे में पूछा। उदित राज ने बताया कि भीमराव अंबेडकर जो टोपी पहनते थे ये उसी तरह की टोपी है।

गौरतलब है कि उदित राज लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। वे पश्चिम-उत्‍तर दिल्‍ली से सांसद हैं। कई बार विवादित बयानों के चलते भी वे सुर्खियों में रह चुके हैं। इसी साल उन्‍होंने ओलंपिक चैंपियन और दिग्‍गज फर्राटा धावक उसैन बोल्‍ट के खाने को लेकर बयान दिया। इसमें उन्‍होंने कहा था, ”जमैका के उसेन बोल्ट बहुत गरीब थे। उनके प्रशिक्षक ने उन्हें दोनों वक्त बीफ खाने की सलाह दी थी और उन्होंने ओलंपिक में नौ स्वर्ण पदक जीते।’’

हालांकि बाद में उन्‍हें सफाई देनी पड़ी थी। इसमें भाजपा सांसद ने कहा था, ”बीफ पर भाजपा की कोई लाइन नहीं है। जिसको जो मन हो, वो खाए। बीफ का मतलब व्‍यापक है। बीफ का मतलब मीट होता है। यह हमें बदनाम करने के लिए कहा गया है। मेरा ट्वीट बीफ के पक्ष में नहीं था, मैंने तो बोल्‍ट के ट्रेनर के बयान को अलग तरह से लिखा था।” गौरतलब है कि बीफ भाजपा के लिए बेहद भावनात्मक मुद्दा है और देश में भाजपा शासित सरकारों ने बीफ के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े कानून बनाए हैं।