वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर बनाई गई जेपीसी की पिछले कुछ दिनों से बैठक चल रहा है। इस बैठक में कई बार शोर-शराबा और हंगामा भी हुआ। जिसके लेकर बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि समिति के कुछ सदस्य बैठक के दौरान व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं और असंसदीय व्यवहार भी कर रहे हैं। जो ठीक नहीं है। इसके साथ ही तेजस्वी ने बैठक के दौरान बुलाए गए लोगों के बारे में भी उल्लेखित किया है।
दक्षिण बंगलौर से बीजेपी के लोकसभा सांसद और बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को बीते दिनों संसद में पेश किए गए वक्फ संशोधन अधिनियम की जेपीसी कमेटी का सदस्य बनाया गया था। अब इस समिति की बैठक शुरू हुई है। इस समिति में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद हैं। ऐसे में बैठक के दौरान जमकर हंगामा भी हो रहा है। जिसको लेकर सूर्या ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है।
सदस्यों ने समिति के अध्यक्ष को दी धमकी
तेजस्वी ने पत्र में लिखा है कि बीते 14 अक्टूबर को वक्फ (संशोधन) विधेयक की जेपीसी बैठक के दौरान कुछ सांसदों के हालिया व्यवधान पर ध्यान दें। इसके साथ ही सूर्या ने सदस्यों के व्यवहार का कुछ उदाहरण देते हुए लिखा कि कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिप्पादी को समिति के समक्ष गवाही देने के लिए बुलाया गया था।
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जब वह साल 2012 में हुए कर्नाटक में 2 लाख करोड़ रुपये के वक्फ भूमि अतिक्रमण घोटाले के बारे में बोल रहे थे, इस घोटाले में कुछ कांग्रेस नेता शामिल थे। जिसको लेकर समिति के शामिल विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने गवाह और अध्यक्ष को धमकी दी। इसके साथ ही उन लोगों ने और यहां तक कि समिति के कागजात भी फाड़ दिए। ये तरीका संसदीय मर्यादा को अपमानित करने वाला है।
गवाह ने लिया मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम
सूर्या ने अपने पत्र में उन सदस्यों के खिलाफ ओम बिरला से अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निवेदन किया है। ये सभी लोग स्वीकार्य नहीं किए जाने वाले आचरण में शामिल थे।
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वहीं बीते मंगलवार को विपक्षी पार्टी के कई सांसदों ने भी लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था। उन सभी ने सूर्या द्वारा बताए गए मामले को लेकर समिति की बैठक को बहिष्कार कर दिया। चुकी गवाह द्वारा बताए नामों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई विपक्षी नेताओं का है।