भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि जिस दिन हिंदुओं की आबादी 80 प्रतिशत से कम हुई, समझ लेना देश खतरे में है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “भारतीय सच्चाई जानते हैं। हिंदुओं ने विदेशी आक्रमणकारियों को उखाड़ फेंकने के लिए सदियों तक लड़ाई लड़ी, इसमें पहले इस्लामिक विश्वास और दूसरा क्रिश्चियन विश्वास है। हिंदुओं ने इसके लिए अपने 750 साल गवाएं और गरीब हुए लेकिन आखिरकार लड़ाई जीत ली। वर्ष 1947 में ब्रेनवॉश हिंदुओं ने सत्ता पर कब्जा कर लिया। अब इसे दोहराया नहीं जाना चाहिए।”

भाजपा सांसद ने कहा, “हम हिंदुओं को मालूम है कि भारत में रहने वाले सभी मुस्लिमों और किश्चियनों के पूर्व हिंदू हैं। (जैसा कि डीएनए रिपोर्ट में दिखाया गया है।) आज के हिंदुस्तान में सभी एक परिवार की तरह एक साथ हैं। इसका मतलब यह है कि हमारी संस्कृति एक है। यह कहीं से उधार ली हुई या आयी हुई नहीं है।” स्वामी ने कहा, “भारत में हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन करने, उन्हें बहकाने या प्रेरित करने की अनुमति नहीं होगी। यदि भारत में हिंदुओं (सिख, जैन, बुद्ध- आर्टिकल 25) की जनसंख्या 80 प्रतिशत से कम होती है तो यह खतरे की घंटी होगी।”

बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले को लेकर उन्होंने अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि पुलवामा में हमला वर्ष 2014 में सरकार द्वारा दिए गए एक आदेश के कारण ही हुआ। सरकार ने एक आदेश जारी किया था कि किसी भी वाहन को किसी भी चेक प्वाइंट पर नहीं रोका जाए। यह आदेश इस वजह से दिया गया था कि सेना के कुछ जवानों ने एक मारूती कार पर फायरिंग कर दी थी।

वहीं, इसके कुछ समय बाद कहा कि भारत को पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर कब्जा कर लेना चाहिए। इससे अच्छा मौका कभी नहीं मिलेागा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के पक्ष में माहौल बना हुआ है। हमारे पास सीजफायर उल्लंघन करने और पीओके से मुजफ्फराबाद को दोबारा हासिल करने का शानदार मौका है। अभी ही उचित वक्त है कि धारा 370 को भी खत्म कर देना चाहिए।