हरियाणा में बीजेपी नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला नहीं थम रहा है। पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक कई नेता बीजेपी छोड़कर कांग्रेस सहित दूसरे दलों में जा चुके हैं। पार्टी को एक और झटका पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृह क्षेत्र करनाल में लगा है। यहां मोदी आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद जुनेजा ने पार्टी को अलविदा कह दिया है।

इसी तरह हरियाणा के पटौदी विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने से नाराज सुमेर सिंह तंवर ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। तंवर लंबे वक्त से पार्टी के लिए काम कर रहे थे।

कई सीनियर नेताओं ने छोड़ी पार्टी

हरियाणा में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद से ही बीजेपी में लगातार भगदड़ मची हुई है। हरियाणा बीजेपी ओबीसी मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मंत्री कर्ण देव कांबोज ने भी कुछ दिनों पहले पार्टी छोड़ दी थी। वह विधानसभा चुनाव में टिकट मांग रहे थे। बीजेपी हरियाणा किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुखविंदर मांडी और करनाल के पूर्व विधायक जयप्रकाश गुप्ता भी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।

ऐसे नेताओं की लंबी लिस्ट है जिन्होंने बीते दिनों में बीजेपी का साथ छोड़ा है। असंध के पूर्व विधायक सरदार बख्शीश सिंह, पूर्व विधायक जिलेराम शर्मा भी पार्टी छोड़ चुके हैं।

विनोद जुनेजा के बारे में बात करें तो वह 2022 में नगर पालिका का चुनाव लड़े थे और भारतीय मोदी आर्मी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर काम कर रहे थे। मोदी आर्मी का काम बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की योजनाओं को आम लोगों के बीच में पहुंचाने का है।

विनोद जुनेजा का कहना है कि वह 1989 से बीजेपी से जुड़े हुए हैं और लगातार पार्टी के लिए काम करते रहे लेकिन पार्टी ने हमेशा उनकी अनदेखी की है। नगर पालिका के चुनाव में उन्होंने टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया और इस बार भी टिकट नहीं दिया।

विनोद जुनेजा पंजाबी समाज से आते हैं। करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला के इलाकों में पंजाबी समाज के मतदाता बड़ी संख्या में हैं। बताया जा रहा है कि विनोद जुनेजा जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि उनका परिवार अभी भी बीजेपी से जुड़ा हुआ है।

बीजेपी की मुश्किल बढ़ा रहे बागी नेता

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में हालांकि कांग्रेस भी पार्टी नेताओं की बगावत से जूझ रही है लेकिन बीजेपी में पार्टी नेताओं की नाराजगी और इसे छोड़ने की खबरें कुछ ज्यादा हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली सहित पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता बागी और नाराज नेताओं को मनाने के लिए पसीना बहा रहे हैं लेकिन कई जगहों पर उन्हें कामयाबी नहीं मिली है।

ऐसे में नाराज और बगावत कर चुनाव लड़ रहे नेता हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बीजेपी के अरमानों पर पानी फेर सकते हैं।