भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चाओं में रहते हैं। वे ट्विटर के माध्यम से अपनी ही सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। सोमवार को स्वामी ने नए संसद भवन के निर्माण को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। इस कंपनी के चयन को लेकर बीजेपी नेता ने सवाल खड़े किए हैं और इसकी तुलना 2जी घोटाले से की है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर लिखा “क्या किसी को पता है कि टाटा को नए संसद परिसर के निर्माण के लिए कैसे चुना गया था? क्या इसके लिए बोली लगी थी या 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले की तरह जो पहले आया उसे ही दे दिया गया?” स्वामी के इस ट्वीट पर कई यूजर्स अपनी प्रतिकृया दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा “स्वामीजी आप कुछ भी कर लीजिये, लेकिन कभी वित्त मंत्री नहीं बन पाएंगे।” एक अन्य यूजर ने लिखा “अगर आप को इतनी दिक्कत है तो बीजेपी छोड़ क्यों नहीं देते, पीएम आप से ज्यादा समझदार हैं।”

दक्षिण के दिग्गज अभिनेता कमल हासन ने भी नए संसद भवन के शिलान्यास पर सवाल उठाए हैं। मक्कल निधी मय्यम (MNM) के संस्थापक कमल हासन ने ट्विटर पर लिखा, “जब चीन की महान दीवार का निर्माण किया जा रहा था तो हजारों लोगों की मौत हुई थी, उस समय शासकों ने कहा था कि यह लोगों की रक्षा के लिए है। अब कोरोना महामारी के कारण जब देश की आधी आबादी भूखी है, लोग अपना जीवन खो रहे हैं, तो किसकी रक्षा के लिए आप 1000 करोड़ रुपये की संसद का निर्माण कर रहे हैं? मेरे माननीय निर्वाचित प्रधानमंत्री जवाब दें।”

बता दें केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट के लिए शुरुआत में सात कंपनियों ने ठेके को हासिल करने के लिए बोली लगाई थी। वहीं, आखिरी चरण में तीन कंपनियों को चुना गया। इन कंपनियों में एलएंडटी, टाटा प्रोजेक्ट़स और शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी शामिल थीं। हालांकि सबसे कम बोली टाटा प्रोजेक्ट्स (861 करोड़ रुपये ) ने लगाई थी।

नया संसद भवन केंद्र सरकार की योजना सेंट्रल विस्टा के तहत बनाया जाएगा। इसके तहत संसद भवन के निर्माण के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन और आसपास के इलाकों का नवीनीकरण किया जाएगा। नए संसद भवन का डिजाइन HCP Design, योजना और प्रबंधन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है। प्रस्ताव के मुताबिक, नया संसद भवन 64500 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा। अनुमान के मुताबिक इस संसद भवन को 2022 तक तैयार किया जाएगा।