दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है। इस बार भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी के एक कार्यक्रम को रद्द करने को लेकर यूनिवर्सिटी खबरों में है। दरअसल बाबरी कांड की बरसी पर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में सुब्रमण्यन स्वामी का एक कार्यक्रम होने वाला था, जिसे रद्द कर दिया गया। कार्यक्रम रद्द होने पर भड़के स्वामी ने इसे असहिष्णुता की हद कहा है। उन्होंने कहा, ‘जेएनयू में असहिष्णुता की हद हो गई और अब हम समझ गए हैं कि जेएनयू का सहिष्णुता का क्या स्तर है। वहां जरूर वीसी पर दबाव बनाया गया होगा, इसी वजह से मेरे कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। शायद लेफ्ट विंग के छात्र मेरे तर्कों को सुनना ही नहीं चाहते।’ टाइम्स नाउ के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘लेफ्ट अब डर गया है क्योंकि सभी हिंदू अब एक हो चुके हैं।’ स्वामी ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के वीसी काफी दुर्बल हैं, उन्होंने कार्यक्रम रद्द करने की कोई भी वजह नहीं बताई है।
The left is terrified because the Hindus are united: Subramanian Swamy, BJP #JNUMutesSwamy pic.twitter.com/dsQjtToxqn
— TIMES NOW (@TimesNow) December 6, 2017
Height of tolerance in JNU and now we know what the university’s tolerance level is. They must have mounted pressure on VC and most VCs are spineless so they cancelled my talk in JNU. Possibly the Left-wing students didn’t want to hear my arguments: @Swamy39 to CNN-News18 pic.twitter.com/9q1zimAO3c
— News18 (@CNNnews18) December 6, 2017
JNU VC is spineless and cannot give me any response to cancellation of my talk in the University: @Swamy39 to CNN-News18 pic.twitter.com/TxRoNwZzlG
— News18 (@CNNnews18) December 6, 2017
जेएनयू के हॉस्टल कोयना के मेस में शाम 9.30 बजे ‘अयोध्या में राम मंदिर क्यों बनना चाहिए?’ इस मुद्दे पर स्वामी का कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम बाबरी कांड की 25वीं बरसी के मौके पर होना था। यूनिवर्सिटी ने इस कार्यक्रम के आयोजकों को इसे रद्द करने की सूचना दी है। हालांकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के लीडर और पूर्व जनरल सेक्रेटरी प्रकाश करात का भी बुधवार को साबरमती मेस में 9.30 बजे कार्यक्रम होना था, जिसे रद्द नहीं किया गया है। बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी आरपी सिंह ने इस मुद्दे को पक्षपात बताया है।
बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना को आज (6 दिसंबर) पूरे 25 साल हो गए। ये एक ऐसी घटना थी जिसने पूरे देशे के धार्मिक सौहार्द को हिलाकर रख दिया था। 6 दिसंबर 1992 को हिंदू कार सेवकों की लाखों की भीड़ ने बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहा दिया। इस घटना के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसक घटनाएं हुईं। खुद उत्तर प्रदेश में भी जगह-जगह बड़े पैमाने पर दंगे हुए। इस घटना में सैकड़ों ने अपने अजीज (प्रिय) लोगों को खो दिया था।
