बिहार चुनाव के नतीजों से जहां एक तरफ एनडीए में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है, वहीं महागठबंधन की साथी पार्टियां अब टूटती नजर आ रही हैं। दरअसल, कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को महागठबंधन की हार का बड़ा कारण माना जा रहा है। इसी को लेकर गुरुवार को एक टीवी डिबेट के दौरान जब भाजपा नेता गौरव भाटिया ने तंज कसा, तो कांग्रेस नेता ने उल्टे भाजपा पर ही सवाल उठा दिए। इस पर भाजपा नेता भड़क उठे और उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मायनोआइटिस है, यानी ये अपना आंकलन नहीं करेंगे, बस दूसरों की कमियां बताएंगे। ये कहेंगे गांधी परिवार की जय हो, सोनिया माता की जय हो।

गौरव भाटिया यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक वायरस की तरह है और कोरोना के वायरस का इलाज हो जाएगा, लेकिन ये मायनोआइटिस का इलाज नहीं हो पाएगा। इनमें प्रतिस्पर्धा यह है कि इन सबमें ज्यादा बड़ा टोपीबाज कौन है। किसकी टोपी में ज्यादा छेद हैं। ये राजद के स्टूल पर खड़े होकर कहते हैं कि हम चार कुठिया हैं। इनके पैरों के नीचे जमीन नहीं है, फिर भी इन्हें यकीन नहीं है।

इस पर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जवाब में कहा, “हम लोगों को किसी ने नहीं हराया है। ये ठीक है कि अभी एनडीए को बहुमत का आंकड़ा दिया गया है। पर उतना भी मार्जिन नहीं है। जब 1 करोड़ 56 लाख 8 हजार वोट हम लोगों के पक्ष में आए और दूसरी तरफ 1 करोड़ 57 लाख कुछ वोट एनडीए को मिला। 12 हजार वोटों का मात्र अंतर है। सबने वोट दिया, पर मतों का जो अपहरण हुआ है, उसी का विश्लेषण किया जा रहा है।”

बता दें कि 243 सीटों वाली विधानसभा में इस बार भाजपा-जदयू के गठबंधन वाले एनडीए को 125 सीटें मिली हैं। वहीं राजद-कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के महागठबंधन को 110 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। जहां राजद के पास सबसे ज्यादा 75 सीटें आईं, वहीं कांग्रेस ने खराब प्रदर्शन करते हुए 70 में से सिर्फ 19 सीटें ही हासिल कीं। लेफ्ट पार्टियों ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 16 पर जीत दर्ज की।