ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के भारत के ‘दबाव’ वाले दावे पर विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला है। विपक्ष ने सरकार पर लोकतंत्र खत्म करने का आरोप लगाया है। वहीं भाजपा नेता अमित मालवीय ने जैक डोर्सी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे दूसरे देशों की राष्ट्रीय राजनीति में हस्तक्षेप बताया है। उन्होंने बयान का विरोध करते हुए कहा, “जैक डोर्सी ने अमेरिका और हर दूसरे देश, जहां ट्विटर ऑपरेट हो रहा है, के लिए एक ही बात कही है। उसमें कुछ भी अलग नहीं है।”

अमित मालवीय ने कहा, “स्वाभाविक रूप से जब डोरसी सीईओ थे, तब ट्विटर मनमाने ढंग से काम करना चाहता था। वे खुद को हर देश में कानून से ऊपर मानते थे …। जब डोरसी इसकी अध्यक्षता कर रहे थे, तब ट्विटर राष्ट्रों की संप्रभुता कमजोर करने के लिए काम कर रहा था। यह विभिन्न देशों की राष्ट्रीय राजनीति में हस्तक्षेप कर रहा था … राहुल गांधी अमेरिका में कई तरह के लोगों से मिलते हैं और ऐसी बैठकों का कभी खुलासा नहीं किया जाता। इसके तुरंत बाद जैक डोरसी इस तरह का बयान देते हैं। क्या जैक डोरसी राहुल गांधी-कांग्रेस पार्टी के टूलकिट का हिस्सा है?…”

इसके पहले जैक डॉर्सी ने यूट्यूब चैनल Breaking Points के साथ अपने इंटरव्यू में कहा था कि भारत में किसान आंदोलन के दौरान ट्विटर को देश में सरकारी दबाव, कंपनी को बंद किए जाने और उसके कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की धमकियों का सामना करना पड़ा था।

विपक्षी नेताओं का कहना है कि जैक डोर्सी जो कुछ कह रहे हैं, वह विपक्ष पहले से कह रहा है। मोदी सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। लोकतांत्रिक सस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है। जिसने भी आवाज उठाने की कोशिश की, उसके खिलाफ ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करती है।

विपक्ष के बयानबाजी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर ने भारतीय कानूनों का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि भारत में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सम्मान किया जाता है लेकिन उन्हें देश के कानून का पालन हर हाल में करना ही होगा।”