बीते दिन पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद के राज्यसभा सदन में गतिरोध के बीच में जीएसटी बिल पेश तो कर दिया लेकिन अब सवाल ये उठता है कि कि क्या महज दो दिन में ये बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो पाएगा या नहीं।

क्योंकि अब मॉनसून सत्र के सिर्फ दो दिन बचे है, ऐसे में विपक्ष के हंगामे के चलते जीएसटी जैसे कई और बिल अटके पड़े हैं। सुबह से शुरू हुई संसदीय बैठक में संसदीय कार्यमंत्री एम वेकैंया नायडू ने विपक्षी दलों से संसद को शांतिपूर्ण चलने को कहा। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जीएसटी बिल पास होना बेहद जरूरी है।

वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी साफ किया कि सरकार पीछे नहीं हटेगी और सरकार हर राजनैतिक व संवैधानिक कोशिश करेगी। बीते दिन कांग्रेस के जोरदार हंगामे के चलते बिल पेश तो हुआ लेकिन इस पर किसी तरह की चर्चा होने की बजाए संसद को स्थितगित कर दिया था। इसी बीच अरुण जेटली ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी अपनी हार को हजम नहीं कर पा रही है, जिससे बार-बार हंगामा करने पर उतारू हो रही है।

ऐसे में आज संसद के राज्यसभा सदन में जीएसटी बिल पर चर्चा हो सकती है। विभिन्न मुद्दों का विरोध कर रही कांग्रेस अब जीएसटी बिल का भी विरोध करने लगी है, कांग्रेस का कहना था कि बिल में टैक्स को एक फीसद बढ़ाकर 18 प्रतिशत से अधिक कर दिया गया है।

इसलिए वह बिल का विरोध कर रही है। सरकार ने अप्रैल 2016 से जीएसटी को लागू करने की योजना बनाई है। जीएसटी लागू नहीं हुआ तो होगा नौ लाख करोड़ रुपये का नुकसान वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) को लेकर कांग्रेस के विरोध से देश की अर्थव्यवस्था को एक साल में करीब नौ लाख करोड़ रुपये की कीमत चुकानी होगी।

जाने जीएसटी के बारे में
संसद में अगर ये बिल पास हो जाता है कि खास से लेकर आम आदमी को भी फायदा होने वाला है। क्योंकि बिल पास होते ही वस्तु एवं सेवा कर के जरिए सभी अप्रत्यक्ष करों को हटाकर एक समान कर दिया जाएगा। बिल के लागू होने के बाद प्रत्येक सामान और सेवा पर टैक्स के नाम पर सिर्फ वैट लगेगा और जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वह केंद्र और राज्यों के बीच एक तय हिसाब से बंटेगा।

कंपनियों का झंझट और खर्च कम होने के साथ-साथ व्यापारियों को भी सामान को इंपोर्ट और एक्सपोर्ट करने में दिक्कत नहीं होगी। बिल लागू होते ही जारी टैक्स चोरी रुक जायेगी। इसका सीधा असर जीडीपी पर पड़ेगा। पेट्रोल, डीजल, केरोसिन व रसोई गैस पर राज्यों में जो टैक्स लगता है, वह कुछ साल जारी रहेगा।