राजस्थान के शहरी निकायों के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस से बगावत कर मैदान में उतरने वालों से दोनों दलों का गणित गडबडा गया है। भाजपा को बागियों से ज्यादा परेशानी का सामना करना पड रहा है। प्रदेश भाजपा अब बागियों को मनाने में जुट गई है। इस बार दोनों दलों ने बगावत को देख कर उम्मीदवारों की सूची नामांकन के अंतिम दिन ही जारी की।
राज्य में 17 अगस्त को होने वाले 129 शहरी निकायों के चुनाव के लिए परचे दाखिल करने का पूरा होने के बाद अब प्रचार अभियान की शुरूआत हो गई है। सत्ताधारी दल भाजपा के लिए चुनौती बने निकाय चुनाव में पार्टी से बगावत कर मैदान में उतरने वालों से निपटना मुश्किल भरा साबित हो रहा है।
प्रदेश भाजपा ने बगावत करने वालों को मनाने की कवायद शुरू कर दी है। पार्टी को उम्मीद है कि नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अगस्त तक बगावत कर परचे दाखिल करने वाले चुनाव मैदान से हट जाएंगे। इसके लिए भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेताओं को संबंधित निकायों में भेज दिया है।
इसके साथ ही प्रदेश भाजपा में गुरूवार को सभी निकायों के ऐसे उम्मीदवारों की सूची आ गई जिन्होंने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ परचा दाखिल कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने गुरूवार को इस सिलसिले में सहसंगठन प्रभारी वी सतीश से विचार कर डेमेज कंट्रोल की कवायद की।
बडी संख्या में बागियों के चुनाव मैदान में उतरने से पार्टी अध्यक्ष सकते में आ गये है। उन्होंने इस समस्या को सुलझाने के लिए गुरूवार को अपना अजमेर दौरा भी रदद कर दिया। परनामी का कहना है कि भाजपा अनुशासित पार्टी है। नामांकन दाखिल करने वाले कार्यकर्ताओं की वरिष्ठ नेता समझाइश कर रहे है। नाम वापस नहीं लेने वालों के खिलाफ पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी।
भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर ही कार्यकर्ताओं में खासा असंतोष पनपा। भाजपा में कई शहरी निकायों में उम्मीदवारों को लेकर स्थानीय नेताओं और विधायकों में एकराय नहीं बन पाने से भी असंतोष पनपा। पार्टी ने स्थानीय विधायकों की सिफारिश पर ज्यादातर टिकट तय किये।
इसके चलते ही स्थानीय पदाधिकारियों में नाराजगी फैल गई और बडी संख्या में पार्टी से जुडे लोग निर्दलीय के तौर पर मैदान में आ डटे। भाजपा के मुकाबले कांग्रेस में बगावत कम हुई। कांग्रेस ने भी अपने नाराज नेताओं की समझाइश का सिलसिला शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के निर्देश पर जिला कमेटियां बगावत करने वालों को समझाने में जुट गई है।
दोनों दलों ने पार्टी स्तर पर चुनावी गणित भी बिठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का मानना है कि भाजपा की बगावत का उसे फायदा मिलेगा। प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने गुरूवार को जिला स्तर की कमेटियों से पूरी जानकारी हासिल की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डा अर्चना शर्मा ने बताया कि टिकट चयन के लिए सभी जिलों में वरिष्ठ नेताओं की कमेटी गठित की गई थी।
उसके आधार पर ही टिकट तय किये गये। टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर नामांकन दाखिल करने वाले कार्यकर्ताओं से नाम वापस लेने की अपील की जा रही है। पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ परचा दाखिल करने वाले कार्यकर्ताओं ने 8 अगस्त तक नाम वापस नहीं लिया तो फिर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
राज्य चुनाव आयोग का कहना है कि प्रदेश की 129 शहरी निकायों में 17 अगस्त को वोट डाले जाएंगे। इसमें अजमेर नगर निगम सबसे बडा चुनावी निकाय है। प्रदेश में 3351 वार्डो में पार्षदों का चुनाव होगा। आयोग ने चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली है। इसके लिए प्रशासन और पुलिस को मुस्तैद कर दिया गया है। आयोग के आयुक्त रामलुभाया के अनुसार चुनाव में आचार संहिता की कडाई से पालना के निर्देश दिये गये है।