आरती सक्सेना
बिपाशा बसु अरसे बाद परदे पर लौटी हैं। वह वेब सीरीज ‘डेंजरस’ में नजर आ रही हैं। 2015 में बिपाशा बसु ने करण सिंह ग्रोवर के साथ आखिरी फिल्म ‘अलोन’ करने के बाद उनसे शादी कर ली। शादी के पांच साल बाद बिपाशा करण के साथ ‘डेंजरस’ वेब सीरीज में आई हैं। उनको फिल्म उद्योग से जुड़े हुए 20 साल हो रहे हैं। पेश है बिपाशा से बातचीत के प्रमुख अंश…
सवाल :आप कैसा महसूस कर रही हैं अभिनय में वापसी करके?
’सच कहूं तो मेरा लौटने का इरादा नहीं था क्योंकि मैं शादीशुदा जिंदगी में काफी खुश हूं। मैं 15 साल की उम्र से काम कर रही हूं। लिहाजा मुझे कभी परिवार के साथ वक्त गुजारने का मौका नही मिला। पांच साल मैं परिवार के संग रही। कई लोगों ने कहा कि अब बहुत आराम हो गया। मैं दोबारा अभिनय करूं। मुझे ‘डेंजरस’ वेब सीरीज का प्रस्ताव आया और मुझे इसकी कहानी पसंद आई। ‘डेंजरस’ को लेकर मैं उत्साहित हूं।
सवाल : ‘डेंजरस’ के किरदार के बारे में कुछ बताएं…
’मैं ‘डेंजरस’ में स्कॉटलैंड जासूस के किरदार में हूं, जिसका नाम नेहा सिंह है। मेरी दिली तमन्ना थी कि मैं कभी स्कॉटलैंड की जासूस का किरदार निभाऊं। ‘डेंजरस’ से मुझे यह मौका मिला। मेरी दिली तमन्ना पूरी हो रही है।
सवाल : शादी के बाद आप पहली बार पति करण के साथ काम कर रही हैं। इससे पहले आपने उनके साथ आखिरी फिल्म ‘अलोन’ की थी…
’हां। करण अच्छे एक्टर हैं। इससे भी कही ज्यादा अच्छे इनसान और अच्छे पति भी हैं। उन्होने कभी भी मुझे अभिनय में वापसी के लिए नहीं कहा। शादी के बाद हमें साथ काम करने के लिए कई पटकथाएं मिलीं, मगर मैंने हां नहीं कहा। मैं नहीं चाहती थी कि हम किसी खराब कहानी में साथ काम करें। मैं करण के साथ तभी काम करना चाहती थी जब कहानी दमदार हो और यह बात मुझे ‘डेंजरस’ में नजर आई। करण का सेंस आफ हयूमर बहुत अच्छा है। वह हमेशा सेट पर हंसाते रहते थे। शादी के बाद भी उनमें कोई बदलाव नहीं आया है। शॉट पूरा होते ही वह धमाल और मस्ती करना शुरू कर देते हैं।
सवाल : आपको इंडस्ट्री में 20 साल हो गए हैं। इन दिनों यहां भाई-भतीजावाद पर खूब बहस छिड़ी है। आप क्या कहेंगी?
’मैंने अपने 20 साल के कैरियर में सफलता-असफलता, आलोचना-तारीफें सभी कुछ देखा है। रही नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद की बात तो यह इंडस्ट्री में बरसों से चला आ रहा है। अगर कल मेरी बेटी फिल्मों में आना चाहेगी तो मैं उसकी मदद करूंगी। अपने संपर्कों के जरिए काम भी दिलवाऊंगी। हर क्षेत्र में लोग अपने करीबियों को मौका देना चाहते हैं। पहचान से आपको काम तो मिल जाएगा, लेकिन सफलता तो तभी मिलेगी जब आपमें दम होगा।
सवाल : फिल्मजगत में एक दौर गोरी लड़कियों का था। आपने यह ट्रेंड बदला। सांवली लड़कियों का दौर शुरू हुआ…
’हां ये सही है कि लोग गोरी लड़कियों को प्राथमिकता मिलती थी। मैं मॉडलिंग में थी तो वहां सांवलेपन को पसंद किया जाता था। लोग मेरे रंग की तारीफें करते थे। गोरी लड़कियां भी मेकअप के जरिए सांवली बनने लगी थीं। तब इसका दौर था। मगर मैंने अपने रंग को लेकर कभी खुद को कमतर नहीं समझा। मैं शुरू से ही आत्मविश्वास से भरपूर थी। यही मेरी पहचान है।
सवाल : आपने अपना वजन काफी कम कर लिया है। क्या यह भूमिका की मांग थी या प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए यह जरूरी था?
मैं हमेशा से ही फिट एंड फाइन रहने में विश्वास रखती हूं। बीच मे मेरा वजन थोड़ा बढ़ गया था। मैं फिजिकली फिट नहीं थी क्योंकि एक्सरसाइज नहीं कर पा रही थी। अब कोई समस्या नहीं है।
सवाल :अगर असल जिदंगी मे ‘डेंजरस’ की बात करें, तो आपके लिए सबसे ज्यादा ‘डेंजरस’ क्या है?
’मुझे सबसे ज्यादा ‘डेंजरस’ भूत प्रेत लगते हैं। मुझे असल जिंदगी में भूतों से बहुत डर लगता है। मैं अध्ांरे में और अकेले सो भी नहीं सकती। एक बार की बात है मैं एक भुतहा फिल्म की शूटिंग कर रही थी। मैं एक खाली कमरे में अपने डायलॉग बोल बोल के याद कर रही थी। उस वक्त मुझे लगा कोई और भी मेरे साथ डायलॉग बोल रहा है। मैं डायलॉग याद नहीं कर पा रही थी। उसके बाद मुझे खतरा लगा तो मैं वहां से नीचे सेट पर आ गई, जहां सब लोग मौजूद थे। वहां आने पर मुझे डायलॉग याद होने लगे। बादमें पता चला कि जहां शूटिंग की जा रही थी वह भुतहा जगह थी।