कृषि से जुड़े विधेयकों को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि संसद द्वारा पारित कृषि सुधार विधेयक 21वीं के भारत की जरूरत है। उन्होने कहा कि किसानों को इस कृषि बिल ने नई आजादी मिल गई है, अब वे जहां चाहें अपनी फसल बेच सकेंगे।
पीएम ने कहा कि उनकी सरकार की ओर से कृषि संबंधी अध्यादेश लाने के बाद कई राज्यों में किसानों को उनकी उपज का पहले से ही बेहतर मूल्य मिल रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं एक बात आपको साफ कर दूं कि नए किसान कानूनों से न तो कृषि मंडियां खत्म होंगी और न ही एमएसपी पर कोई प्रभाव पड़ेगा। कुछ लोग एमएसपी को लेकर झूठ फैला रहे हैं, किसान भाई सावधान रहें। मोदी ने कहा “मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व किसानों की उपज की सरकारी खरीद जारी रहेगी।”
प्रधान मंत्री ने कहा “कोरोना वायरस के समय के दौरान सरकार ने कृषि उपज की रिकॉर्ड खरीद की है और किसानों को रिकॉर्ड राशि का भुगतान किया गया है।”
मोदी ने कहा कि ये भी जगजाहिर रहा है कि कृषि व्यापार करने वाले हमारे साथियों के सामने एसेन्शियल कमोडिटी एक्ट के कुछ प्रावधान हमेशा आड़े आते रहे हैं। बदलते हुए समय में इसमें भी बदलाव किया है। दालें, आलू, खाद्य तेल, प्याज जैसी चीजें अब इस एक्ट के दायरे से बाहर कर दी गई हैं।
उन्होने कहा “अब देश के किसान, बड़े-बड़े स्टोरहाउस में, कोल्ड स्टोरेज में इनका आसानी से भंडारण कर पाएंगे। जब भंडारण से जुड़ी कानूनी दिक्कतें दूर होंगी तो हमारे देश में कोल्ड स्टोरेज का भी नेटवर्क और विकसित होगा, उसका और विस्तार होगा।
पीएम ने कहा कि मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि MSP की व्यवस्था जैसे पहले चली आ रही थी, वैसे ही चलती रहेगी। इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1लाख 13हजार करोड़ रु. MSP पर दिया गया है। ये राशि भी पिछले साल के मुकाबले 30% से ज्यादा है।”
बता दें इस दौरान पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 9 हाइवे प्रोजेक्ट के साथ बिहार के करीब 46 हजार गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने के लिए घर तक फाइबर योजना का उद्गाटन किया।