बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 21 जनवरी 2024 को गोधरा सब-जेल में आत्मसमर्पण किया। जिसके कुछ समय बाद दोषियों में से एक प्रदीप मोधिया पेरोल पर बाहर आया है। आरोपी प्रदीप अपने ससुर की मृत्यु के बाद गुजरात है कोर्ट द्वारा दी गई पांच दिन की पेरोल पर बुधवार को दाहोद जिले के अपने पैतृक गांव रणधीकपुर लौटा।

जस्टिस एम आर मेंगडे की अदालत ने 5 फरवरी को मोधिया को 7 से 11 फरवरी तक पेरोल की अनुमति दी थी। 31 जनवरी को दायर अपनी याचिका में आरोपी मोधिया ने अपने ससुर की मौत के कारण 30 दिन की पेरोल की मांग की थी। अभियोजन पक्ष ने उच्च न्यायालय को बताया था कि जेल रिकॉर्ड के अनुसार, जब प्रदीप मोधिया को आखिरी बार पेरोल पर रिहा किया गया था तो उन्होंने समय पर वापस रिपोर्ट किया था और जेल में उनका आचरण भी अच्छा बताया गया था।

ससुर की मौत पर मिली 5 दिन की पेरोल

गुरुवार सुबह प्रदीप मोधिया को स्थानीय निवासियों ने रणधीकपुर बाजार में काम करते देखा। एक ग्रामीण ने कहा, “उनके ससुर का जनवरी के आखिरी सप्ताह में रणधीकपुर से लगभग 32 किमी दूर लिमडी में निधन हो गया। वह बुधवार देर रात गांव आया था और गुरुवार को बाहर निकला।”

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, दाहोद के लिमखेड़ा की पुलिस उपाधीक्षक विशाखा जैन ने कहा, “हाई कोर्ट ने दोषी को पेरोल दे दी है और वह पांच दिनों के लिए अपने गांव लौट आया है। पेरोल शर्तों के अनुसार उसे रणधीकपुर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने की आवश्यकता नहीं है। पेरोल अवधि के दौरान जिला पुलिस की कोई भूमिका नहीं है। उम्मीद है कि वह खुद ही जेल लौट आएगा।”

जनवरी 2008 से आजीवन कारावास की सजा काट रहा आरोपी

बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों से संबंधित राज्य सरकार द्वारा अक्टूबर 2022 में एक हलफनामे में हाई कोर्ट को प्रस्तुत पेरोल और फर्लो से संबंधित विवरण के अनुसार, प्रदीप मोधिया को 1041 दिनों के लिए पेरोल और 223 दिनों के लिए फर्लो पर रिहा किया गया, जब वह जनवरी 2008 से मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।