बिहार चुनाव में हार के बाद बीजेपी ने जो प्रमुख कारण गिनाए उनमें सबसे अहम है- वोट ट्रांसफर। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में हार के कारण गिनाते हुए कहा कि महागठबंधन के दलों के बीच उम्‍मीद से अधिक वोट ट्रांसफर हुआ। चुनाव पहले भले ही बीजेपी से चूक गई हो, लेकिन हार के कारण भांपने में उसने गलती नहीं की है। लोकनीति-सीडीएस के पोस्‍ट पोल सर्वे में भी यही बात सामने आई है। सर्वे के मुताबिक, वोट ट्रांसफर का सबसे ज्‍यादा फायदा लालू प्रसाद यादव की आरजेडी को हुआ। सीधे शब्‍दों में कहें तो नीतीश समर्थकों ने आरजेडी को जमकर वोट दिया, जबकि आरजेडी के कोर वोटर-यादवों से जेडीयू को उतना समर्थन नहीं मिल पाया। अपर कास्‍ट को छोड़कर सभी जातियों में चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में महागठबंधन की स्‍वीकार्यता काफी बढ़ी, जिसका परिणाम नजर आ रहा है। कुल मिलाकर कहें तो लालू-नीतीश की अर्थमेटिक और कैमिस्‍ट्री दोनों शानदार रही।

यह ग्राफिक बताता है कि अलग-अलग जातियों ने नीतीश-लालू के साथ आने को शुभ संकेत माना। चुनाव से पहले विश्‍लेष मानकर चल रहे थे कि लालू की छवि से नीतीश का नुकसान होगा, लेकिन बिहार की जनता ने ऐसा नहीं माना।

 

यह ग्राफिक बेहद रोचक है। इसमें बताया गया है कि विकास की बात करने वाले एनडीए को विकास के नाम पर वोट नहीं मिला, जबकि जाति की बात करने वाले लालू-नीतीश को विकास के नाम वोट मिल गया।
वैसे तो बिहार चुनाव के नतीजे अपने आप में नीतीश कुमार की लोकप्रियता का प्रमाण हैं, लेकिन पोस्‍ट पोल सर्वे में उन्‍हें मुख्‍यमंत्री पद का सबसे मजबूत दावेदार माना गया है।