देश के किसानों के जीवन में सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने के लिए ‘प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना’ की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत तीन-तीन हजार रुपये मासिक पेंशन के तौर पर किसानों को दिए जाने थे। लेकिन बिहार में पीएम मोदी का ये ड्रीम प्रोजेक्ट अधूरा है। पीएम-किसान ने नामांकन के मामले में बिहार में बेहद खराब प्रदर्शन किया है। द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना में बिहार से मात्र 26% किसानों ने नामांकन किया है।

बिहार के कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 40,95,000 लाभार्थियों में से सिर्फ 26 फीसदी किसानों ने ही पीएम-किसन के तहत पंजीकरण कराया है। जबकि देश में सबसे ज्यादा किसानों के मामले में बिहार दूसरे नंबर पर है। राज्य में लगभग 16.19 मिलियन किसान हैं। कृषि अधिकारी ने द प्रिंट से कहा, “इस योजना के तहत नामांकन के मामले में बिहार अब तक सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक है। राज्य अब तक केवल 26 प्रतिशत किसानों को ही पंजीकृत करने में कामियाब रहा है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश ने अबतक देश में सबसे अधिक किसानों का नामांकन किया है। उत्तर प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा 23.82 मिलियन किसान हैं और अबतक राज्य के 73 प्रतिशत किसान इस योजना में शामिल हो चुके हैं।

बिहार सरकार ने राज्य में कम नामांकन के लिए “जटिल” सत्यापन प्रक्रिया को दोषी ठहराया है। बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि ‘पीएम-किसान’ में कम नामांकन की मुख्य वजह इसकी जटिल सत्यापन प्रक्रिया है। कुमार ने कहा, “लगभग 8 लाख किसानों के आवेदन विभिन्न समस्याओं के चलते केंद्र सरकार द्वारा वापस कर दिये गए थे। आवेदन वापस आने के बाद वे फिर से सत्यापन के लिए लंबित है।”

इस योजना के तहत नामांकन बढ़ाने के लिए, केंद्र ने सितंबर में एक पोर्टल खोला जिसके तहत किसान (सेल्फ रजिस्ट्रेशन) खुद का नामांकन कर सकते हैं। कुमार ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों को अगले दो महीनों में नामांकन प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है। प्रेम कुमार ने कहा “हम अपने सभी किसान भाइयों से अपील कर रहे हैं कि वे खुद आगे आएं और जल्द से जल्द सेल्फ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करें।”

फरवरी में पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम-किसान या किसान मानधन योजना के तहत सरकार किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये का नकद हस्तांतरण प्रदान करती है। इस योजना के तहत 18 से 40 साल के उम्र के किसानों का रजिस्ट्रेशन हो सकता है। इस योजना के तहत किसानों को 60 साल की उम्र के बाद 3 हजार रुपये मासिक पेंशन के रूप में सरकार के जरिए मिलेगी।