Bihar Flood: बिहार में बाढ़ के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बाढ़ के चलते 85 लाख लोग प्रभावित हुए है जबकि 127 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। सूबे की आपदा को लेकर बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय का गैरजिम्मेदाराना बयान सामने आया है। बिहार में बाढ़ से मारे गए लोगों को लेकर उनका कहना है कि, ”मौत तो मौत है। मौत अपने आप होती है। मौत स्वाभाविक है। चाहे किसी भी कारण से हो, लेकिन मौत स्वाभाविक चीज है।इतना ही नहीं उनका कहना है कि मौत की हर बार कोई ना कोई वजह होती है। इस बार बाढ़ वजह बनी। इसे एक आपदा मान लेना चाहिए। बिहार सरकार ने पीड़ितों को राहत राशि दे दी है।”
मंत्री का दावा: लक्ष्मेश्वर राय का कहना है कि बिहार पहला ऐसा राज्य है जहां बाढ़ से परिवार के मुखिया की मौत पर परिजनों को चार लाख रुपए मदद के तौर पर दिया जाता है। उन्होंने दावा किया है कि अन्य राज्यों में कोई सरकारी मदद नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि नेपाल की नदियों की वजह से सीतामढ़ी और मधुबनी में बाढ़ का प्रकोप ज्यादा है। उन्होंने कहा कि किशनगंज में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए पुल और पुलिया की मरम्मत कर दी गई है कुछ गांव में ही पुलिया की मरम्मत का काम बचा है। उन्हें जल्द ही ठीक किया जाएगा।
बाढ़ से प्रभावित 12 जिले: बिहार में बाढ़ के चलते काफी लोग प्रभावित हुए हैं। शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार जिले में बाढ़ के चलते लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
