बिहार में चुनाव परिणाम घोषित हो गए हैं। यहां एनडीए सरकार बनाने जा रही है। बिहार चुनाव के दूसरे चरण के साथ ही 10 राज्यों में उपचुनाव भी हुए थे। हर चुनाव में कांग्रेस को ज्यादातर सीटों पर हार का ही सामना करना पड़ा।

बिहार में कांग्रेस ज्यादातर विधानसभा सीटों पर बड़े अंतर से हारी है। कांग्रेस को 70 में से 51 सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा। इस वजह से महागठबंधन को भी नुकसान हुआ और सत्ता की आशा अधूरी ही रह गई। इसको लेकर कांग्रेस के प्रत्याशियों के चयन पर भी सवाल उठने लाजमी हैं। बिहार में प्रियंका गांधी ने चुनाव प्रचार नहीं किया। वहीं राहुल गांधी ने पीएम मोदी से भी कम रैलियां कीं। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि बिहार के कांग्रेस नेताओं को क्यों साइडलाइन किया गया।

CPIML के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया, ‘हम सोच रहे थे कि गठबंधन कहीं ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करेगा।’ मध्य प्रदेश में भी बीजेपी ने कांग्रेस को धूल चटा दी। यहां 27 सीटों में से बीजेपी ने 19 पर जीत दर्ज की और 8 सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। बीजेपी को 9 ही सीटों की जरूरत थी। इस चुनाव में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह तो मैदान में प्रचार करते दिखे लेकिन अन्य नेताओं ने दूरी बनाए रखी।

उत्तर प्रदेश में सात सीटों पर उपचुनाव हुए थे। यहां पर कांग्रेस सभी सीटों पर हार गई। बीजेपी को 6 तो एसपी को एक सीट पर सफलता हासिल हुई। लॉकडाउन के दौरान प्रियंका गाँधी ने उत्तर प्रदेश पर काफी ध्यान दिया था। इसके बाद हाथरस की घटना के समय भी राहुल और प्रियंका ने आवाज बुलंद की थी लेकिन इसका कोई फायदा नहीं मिला। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस दो सीटों पर नंबर दो पर रही है।

गुजरात में कांग्रेस सभी आठ सीटों पर हार गई। गुजरात में हार्दिक  पटेल को आगे बढ़ाने के चक्कर में कांग्रेस में फूट पड़ गई। यहां कई दिग्गज नेता शांत होकर  बैठ गए। इस वजह से गुजरात में कांग्रेस की हालत खराब हो गई। कर्नाटक मे भी कांग्रेस बुरी तरह हार गई। हालांकि हरियाणा और छत्तीसगढ़ में एक-एक सीट पर जीतने में सफल हुई है।