Encephalitis (Chamki Fever) Symptoms, Causes, Precautions: बिहार में चमकी बुखार या एक्यूट इंफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) की वजह से राज्य में सवा सौ से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच में ही सिर्फ 93 बच्चों की मौत की आधिकारिक पुष्टि की गई है, लेकिन सूबे के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इन मौतों को लेकर पूछे गए प्रश्न का जवाब देने से साफ मना कर रहे हैं।
पटना के होटल चाणक्या में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 68 वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था। इसके बाद सुशील मोदी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पत्रकारों ने जब एईएस की वजह से बच्चों की मौत को लेकर सवाल किया तो मोदी ने जवाब देने से इनकार करते हुए कहा, ‘मैं आपको पहले ही बता चुका हूं कि यह संवाददाता सम्मेलन बैंकिंग कमिटी को लेकर है। आप सिर्फ बैंक से जुड़े मुद्दों पर ही सवाल पूछेंगे तो जवाब दिया जाएगा। किसी अन्य मुद्दों के बारे में पूछा जाएगा तो जवाब नहीं दिया जाएगा। उसके लिए अलग से संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।’
#WATCH Bihar Deputy Chief Minister Sushil Modi during a press conference refuses to answer journalists’ questions on deaths of children due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur; says, “I already told you this press conference is about banking committees” pic.twitter.com/dn4moNfJSC
— ANI (@ANI) June 19, 2019
संवाददाता सम्मेलन में सुशील मोदी ने कहा, ‘वित्तीय वर्ष 2019-20 में बैंको द्वारा राज्य में 1 लाख 45 हजार करोड़ ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। वार्षिक साख योजना के तहत वर्ष 2018-19 में बैंको ने 1 लाख 30 हजार करोड़ के विरूद्ध 1 लाख 9 हजार 882 करोड़ का ऋण वितरित किया है। जो लक्ष्य का 84.29% है। वहीं 2017-18 में लक्ष्य का 90.85% वितरित किया था। बैंको के वरीय अधिकारी को निर्देश दिया कि जिले में जाकर एसीपी में कमी की समीक्षा करें।’
उन्होंने आगे कहा, ‘बिहार सरकार ने फसल सहायता योजना के तहत 315 करोड़ रूपया बिना प्रिमियम के बिहार के ढ़ाई लाख किसानों को वितरित किया है। भारत सरकार ने इस वर्ष किसान क्रेडिट कार्ड में बिना बंधक के 1 लाख तक के ऋण की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख 60 हजार कर दिया है। जिसका लाभ बिहार के किसानों को मिलेगा।भारत सरकार ने फिशरी, डेयरी और पॉल्ट्री के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना लागू करने का निर्णय लिया है। बैंक इन तीनों क्षेत्रों में केसीसी के तहत बड़े पैमाने पर ऋण वितरित करें। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में ATM की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ अगले तीन महीने में 160 ग्रामीण केंद्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रारंभ हो जाएगी। राज्य में अभी 18 हजार 230 बैंकिंग क्रॉसपोडेंट कार्यरत हैं।’