Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चढ़े सियासी पारे के बीच चुनाव आयोग पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। समस्तीपुर के एक स्कूल के पास सड़क किनारे मिली वीवीपैट की पर्चियों को लेकर आरजेडी ने चुनाव आयोग और प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए। इस पर अब आयोग एक्शन में आया है और ARO को सस्पेंड कर दिया गया है।
दरअसल, ये मामला बिहार के समस्तीपुर जिले के सरायगंज विधानसभा क्षेत्र के केएसआर कॉलेज के पास का है, जहां सड़क किनारे भारी मात्रा में ईवीएम से निकलने वाली वीवीपैट की पर्चियां पड़ी हुईं मिली थीं। इसको लेकर विपक्ष में बैठी राष्ट्रीय जनता दल ने चुनाव आयोग और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद अब चुनाव आयोग ने इस मामले में कार्रवाई की है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने जारी किए आदेश
इस घटना के सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने शनिवार को जांच के आदेश दिए। बता दें कि इन पर्चियों की पहचान की बात करें तो आयोग का कहना है कि ये वो पर्चियां हैं, जो कि मॉक पोल के लिए इस्तेमाल की गई थी। घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने समस्तीपुर के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को घटनास्थल का दौरा करने और जांच करने का निर्देश दिया है।
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चुनाव आयोग ने दिया आश्वासन
इस मामले में चुनाव आयोग ने कहा कि जिलाधिकारी समस्तीपुर को घटनास्थल पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया गया है। ये मॉक पोल की वीवीपैट पर्चियां हैं, इसलिए मतदान प्रक्रिया की शुचिता बरकरार है। जिलाधिकारी ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को भी सूचित कर दिया है। हालांकि, संबंधित सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) को लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है।
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समस्तीपुर के डीएम ने क्या कहा?
समस्तीपुर के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम)-सह-जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) रोशन कुशवाहा ने कहा कि उन्हें सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में कुछ वीवीपीएटी पर्चियों के मिलने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि ये कमीशनिंग और डिस्पैच सेंटर में पाए गए। निरीक्षण करने पर पता चला कि बड़ी मात्रा में कटी हुई पर्चियों के साथ-साथ कुछ बिना कटी हुई पर्चियाँ भी थीं।
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उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इन पर्चियों को ज़ब्त कर लिया है। लापरवाही के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की जा रही है। जांच से पता चलेगा कि बरामद पर्चियां किस प्रकार की थीं। यह पूरी तरह से एक तकनीकी मामला है, और जांच के बाद सारी जानकारी स्पष्ट हो जाएगी।
बताई मॉक पोल की पूरी प्रक्रिया
रद्दी पर्चियों के मुद्दे पर डीएम ने कहा कि कमीशनिंग प्रक्रिया के दौरान, 5 प्रतिशत वोटिंग मशीनों पर मॉक पोल किए जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक पर परीक्षण के तौर पर लगभग 1,000 वोट डाले जाते हैं। इसके अलावा, कमीशनिंग के दौरान, प्रत्येक उम्मीदवार का बटन दबाकर यह सत्यापित किया जाता है कि सही चुनाव चिह्न लोड किया गया है। इन मॉक पोल से बड़ी संख्या में वीवीपैट पर्चियाँ निकलती हैं। इनमें से कुछ कटी हुई और कुछ बिना कटी हुई पर्चियाँ मिली हैं। मामले की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
