पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में देश की सबसे बड़ी लॉ कंपनी सिरील अमरचंद मंगलदास फंस गई है। सीबीआई, ईडी और अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारी कंपनी के दस्तावेज खंगाल रहे हैं और इस घोटाले में उसकी भूमिका की जांच में जुटी है। जांच एजेंसियों को इस लॉ पर्म के मुंबई दफ्तर से पीएनबी घोटाले से संबंधित कागताज मिले हैं। इसी साल 20 फरवरी को सीबीआई के अधिकारियों ने इस लॉ फर्म में छापेमारी की थी जहां उसे नीरव मोदी की कंपनी और पीएनबी घोटाले से जुड़े संदिग्ध कागजात मिले थे जबकि यह फर्म न तो पीएनबी की तरफ से और न ही नीरव मोदी की तरफ से कोई केस देख रही थी। ऐसे में अधिकारियों को इस बात पर हैरानी हुई कि आखिर फर्म में घोटाले से जुड़े कागजात कैसे और क्यों पहुंचे?
पुलिस सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि नीरव मोदी के दफ्तर से ट्रकों में भरकर करीब 50-60 कार्टूनों में पैक कर ये कागजात मंगवाए गए थे। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक संभवत: यह फर्म नीरव मोदी की मदद करना चाह रहा था। हालांकि, सीबीआई प्रवक्ता ने मामले पर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बता दें कि इस साल के शुरुआत में पीएनबी ने हीरा व्यापारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की थी।
मामले में अभियोजन पक्ष के वकील के. राघवाचार्यलु ने बताया कि लॉ फर्म के पास घोटाले से संबंधित कागजात मिले हैं जबकि फर्म मोदी को सेवाएं नहीं दे रही थी। राघवाचार्यलु ने कहा कि पीएनबी घोटाले में सिरील मोदी का केस नहीं लड़ रही, इसलिए यह दावा नहीं किया जा सकता कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी उसके मुवक्किल हैं, इसलिए उनके दफ्तर में कागजात हैं। इधर, लॉ फर्म की तरफ से भी मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। सिर्फ इतना कहा गया है कि केस कोर्ट के विचाराधीन है, इसलिए हम टिप्पणी नहीं कर सकते। बता दें कि इस फर्म से 24,625 पन्नों के कागजात बरामद हुए हैं। फर्म में 600 से ज्यादा वकील काम करते हैं। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, स्टैन्डर्ड चार्टर्ड और आईसीआईसीआई बैंक जैसी कंपनियों को कानूनी सेवा मुहैया कराती है।