चंद्रयान-3 के बाद अब भारत अगली सफलता के लिए चंद्रयान-4 की तरफ कदम बढ़ा चुका है। चंद्रयान-4 के आकार को लेकर भी जानकारी सामने आ रही है, माना जा रहा है कि यह चंद्रयान-3 से बड़ा होगा। भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग पर इतिहास रचा था। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की याद में सरकार ने 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे मनाने का ऐलान किया था। चंद्रयान चार से जुड़ी कई रोचक जानकारियां सामने आ रही हैं।
चंद्रयान-3 की तुलना में भारी होगा चंद्रयान-4
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO के जानकार बता रहे हैं कि चंद्रयान-4 का आकार काफी बड़ा होगा और यह पिछले चंद्रयान की तुलना में काफी भारी होगा। नए रोवर का वजन 350 किलोग्राम होने जा रहा है। जानकारी सामने आ रही है कि इसरो चंद्रयान-4 के साथ कई अनूठे प्रयास भी करने जा रहा है। इस बार कोशिश रहेगी कि चांद से कुछ अलग जानकारी हासिल की जा सके।
चंद्रयान-4 से क्या हासिल करना चाहता है भारत?
कैबिनेट की बैठक में चंद्रयान 4 मिशन को हरी झंडी दिखा दी गई है। केंद्र की तरफ से 2104.06 करोड़ रुपये इसके लिए आवंटित कर दिए गए हैं। भारत का मिशन है कि 2040 तक एस्ट्रोनॉट्स को भी चांद पर लैंड करवाया जा सके। भारत इसकी संभावना तलाशना चाहती है।
चंद्रयान 4 का फोकस एकदम सटीक लैंडिंग, सैंपल कलेक्शन और सुरक्षित धरती पर वापस आने को लेकर रहने वाला है। इसरो के वैज्ञानिक मानते हैं कि भारत अपनी स्पेस क्षमता को इस एक मिशन के जरिए कई गुना ज्यादा बढ़ा लेगा। चंद्रयान 4 को लेकर यह जानकारी भी सामने आ रही है कि यह अपने साथ कुल 5 मॉड्यूल को लेकर जाएगा। यह सारे मॉड्यूल एक साथ काम करेंगे और चांद से जरूरी सैंपल इकट्ठा करेंगे। समझने वाली बात यह है कि इतने मुश्किल मिशन को इससे पहले सिर्फ चीन और अमेरिका ही अंजाम दे पाए हैं।