बसंत पंचमी से तीन पहले हिंदुओं ने मंगलवार को धार के भोजशाला-कमल मौला मस्जिद के बाहर पूजा की। हिंदुओं ने 2003 के बाद पहली बार ऐसा किया है। पूजा के बारे में धर्म जागरण मंच ने कहा कि ऐसा प्रशासन के सुरक्षा में ढील न देने के फैसले के खिलाफ किया गया है। धर्म जागरण मंच की मांग है कि प्रशासन जिगजैग बैरिकेड और छत पर मौजूद बैरिकेडिंग काे हटाएं। धर्म जागरण मंच के संयोजक गोपाल शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, प्रशासन ने हमारी मांग नहीं मानी। इसलिए हमने 13 साल में पहली बार भोजशाला के बाहर पूजा की। यदि प्रशासन बसंत पंचमी के दिन मुसलमानों को नमाज पढ़ने की अनुमति देगा तो हम 12 फरवरी को इसके अंदर नहीं जाएंगे।
हिंदू संगठनों के भारी संख्या में जमा होने के बाद प्रशासन ने हिंदुओं को मंगलवार को भी पूजा करने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद से हिंदू हर मंगलवार को बाहर ‘सत्याग्रह’ करते हैं। मंगलवार को धार से भाजपा सांसद सावित्री ठाकुर ने भी ‘सत्याग्रह’ में हिस्सा लिया। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, ‘ धार में केवल एक सरस्वती मंदिर हैं। लेकिन कई सारी मस्जिदें हैं। शुक्रवार को उन्हें कहीं ओर पूजा करने दो क्योंकि नमाज के चलते बसंत पंचमी की पूजा रोकी नहीं जा सकती।’
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जनवरी के आखिरी सप्ताह में सावित्री ठाकुर ने धर्म जागरण मंच और केन्द्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के बीच बैठक कराई थी। इसके बाद मंच के कार्यकर्ताओं ने दावा किया था कि इस समस्या का स्थाई समाधान निकल जाएगा। सांसद ठाकुर ने कहा कि उन्होंने डीएम को धर्म जागरण मंच की मांगें मानने को कहा है। मंच का कहना है कि अगर प्रशासन ने नमाज को लेकर अपने रूख को साफ नहीं किया तो वे म अंदर पूजा नहीं करेंगे। वहीं प्रशासन ने दोपहर 1 और 3 बजे नमाज के लिए समय तय किया है। जबकि पूजा के लिए सूर्योदय से दोपहर साढ़े 12 और दोपहर साढ़े 3 से सूर्यास्त तक का समय तय किया है।
