‘अगर मैं मर जाऊंगी तो फिर कोई मुझे वेश्या नहीं बुलाएगा।’ भिलाई (छत्तीसगढ़) में गैंगरेप की शिकार 21 साल की लड़की ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड में यह बात लिखी है। गैंगरेप की शिकार लड़की का मुकदमा लड़ने वाली कल्पना देशमुख ने बताया था कि ‘न्याय मिलने की उम्मीद बहुत कम है।’ केस की अगली सुनवाई 2 फरवरी को तय की गई थी और इससे पहले ही उसने पंखे से लटक कर जान दे दी।
लड़की ने यह भी लिखा, ‘जब भी मैं कोर्ट जाती हूं, तो बताया जाता है कि जज अदालत में नहीं हैं।’ पुलिस को किताब में मिले लेटर में लड़की ने दर्द बयां किया है कि कैसे न्याय के लिए उसे संघर्ष करना पड़ रहा था। लड़की के पिता नागपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में गार्ड थे और उनके सात बच्चों में पीडि़त लड़की चौथी संतान थी।
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक, जिन दो कॉन्स्टेबल पर लड़की के साथ बलात्कार का आरोप है, उनके नाम- सौरभ भक्ता और चंद्रप्रकाश पांडे हैं, जबकि आरोपी डॉक्टर का नाम गौतम पंडित है। पुलिस ने इस मामले में दोनों कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि डॉक्टर गौतम पांडे ने खुद ही सरेंडर कर दिया था। ये तीनों इस समय जेल में हैं। लड़की ने सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए सौरभ भक्ता, चंद्रप्रकाश पांडे और डॉक्टर गौतम पंडित को जिम्मेदार ठहराया है। उसने यह भी लिखा है कि उसे न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
गैंगरेप का यह मामला पिछले साल जनवरी में उस वक्त सामने आया था, जब गैंगरेप की शिकार लड़की को सुपेला के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जानकारी के मुताबिक, लड़की इनके चंगुल में 2014 में फंसी थी, जब वह इलाज के लिए डॉक्टर के पास गई थी। आरोप है कि इसी दौरान उसके साथ गैंगरेप किया गया था। तीनों आरोपियों ने गैंगरेप के दौरान वीडियो भी बनाया था और वे लड़की को ब्लैकमेल करते रहे। पीडि़त उस वक्त कॉलेज की स्टूडेंट थी।