जमात ए इस्लामी हिंद ने दारूल उलूम देवबंद की तरफ से ‘‘भारत माता की जय’’ बोलने के खिलाफ जारी फतवा का शनिवार (2 अप्रैल) को समर्थन किया और दावा किया कि नारे को देशभक्ति से जोड़ने का ‘‘प्रयास’’ पूरी तरह गलत बात है। फतवा को ‘‘सही’’ ठहराते हुए संगठन के अध्यक्ष और इस्लामिक विद्वान मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी ने कहा कि मुस्लिमों के लिए नारा लगाना ‘‘अनुमति योग्य नहीं’’ है।

उमरी ने कहा, ‘‘भारत की जय के भी नारे लगते हैं जो सबको स्वीकार्य है और इस पर कोई विवाद नहीं है जबकि भारत माता की जय अनुमति लायक नहीं है क्योंकि यह मुस्लिमों के खिलाफ है।’’ उमरी ने ‘‘भारत माता की जय’’ के नारे को देशभक्ति से जोड़ने के प्रयास को भी ‘‘पूरी तरह गलत’’ बात करार दिया।

इस्लामिक संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाए कि राष्ट्रवाद पर चर्चा सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतें ‘‘बढ़ा रही हैं’’ ताकि समाज का ध्रुवीकरण किया जा सके और देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाया जा सके।