भारत माला परियोजना के जरिए देश के राज्यों में यातयात जाम से राहत का रास्ता तलाशा जा रहा है। योजना के तहत राज्यों में रिंग रोड तैयार किए जा रहे हैं और अधिक भीड़ वाली जगहों की पहचान की जा रही है। सड़क और परिवहन मंत्रालय के मुताबिक देशभर में 191 भीड़भाड़ वाली जगहों की पहचान हुई है, जो देश के 28 शहरों में फैली है। इन जगहों पर रिंग रोड व अन्य योजनाओं के माध्यम से जाम खत्म किया जा रहा है।

86 स्थानों पर काम शुरू, 58 चौक में खत्म हुई दिक्कत

मंत्रालय ने अब तक 58 चौक का छोटे-छोटे प्रावधानों से निदान किया है और 86 जगहों पर काम शुरू किया है। हाल ही में लोकसभा में एक रिपोर्ट में सड़क और परिवहन मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। इसी प्रकार सड़क के किनारे की सुविधाओं के विकास के लिए भी काम शुरू किया गया है। इसके तहत 156 जगहों का काम स्थानीय एजंसियों को दिया गया है।

प्रोजेक्ट में अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वोत्तर की सड़कें भी शामिल

भारत माला परियोजना के पहले चरण में मंत्रालय ने 34800 किलोमीटर राजमार्ग का विकास किया है। मंत्रालय ने अन्य राज्यों में भी इस योजना के तहत निर्माण परियोजनाओं की शुरुआत की है। इन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वाेत्तर राज्यों की सड़कें शामिल हैं ।

मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि मंत्रालय के तहत राज्य सरकारों, संघ शासित प्रदेशों और सीमा सड़क संगठन के प्रयास से भी विकास कार्य किया जाता है। इन कार्यों में राजमार्ग पर आने वाले भूमिगत पार, कमजोर पुल का निर्माण, राजमार्ग की सड़कों का सुधार आदि विकास कार्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त मानसून के दौरान सड़कों को होने वाले नुकसान के बाद राजमार्ग की सड़कों का सुधार भी मंत्रालय की ही जिम्मेदारी है। ये कार्य रखरखाव फंड की मदद से पूरे किए जाते हैं।

भारत माला योजना के तहत केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों के मार्ग निर्माण योजनाओं को स्वीकृत किया है। देश के सभी राज्यों में अब तक कुल 24699 किलोमीटर लंबी मार्ग योजनाओं को इसके तहत शामिल किया गया है और इस पर अनुमानित खर्च 772525 करोड़ रुपए है। इन योजनाओं में अभी 1338 किलोमीटर लंबी योजनाओं का काम आबंटन के इंतजार में है।

इन योजनाओं पर करीब 43246 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च होने का अनुमान है। जिन राज्यों की परियोजनाओं के काम का आबंटन होने का इंतजार है उन राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों की परियोजना शामिल है।