कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आज (26 फरवरी) को गुड्स एंड सर्विस टैक्स के प्रावधानों की समीक्षा की मांग और तेल के दामों में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए भारत बंद का आह्वान किया है। सुबह छह बजे से शुरू हुआ यह बंद रात 8 बजे तक जारी रहेगा। हड़ताल का पूरे देश में असर देखा गया। जहां ओडिशा के भुवनेश्वर में सड़कों पर छिटपुट ही वाहन देखे गए, वहीं बंगाल के बीरभूम में अधिकतर दुकानें बंद नजर आईं। जम्मू-कश्मीर में तो शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के विरोध में स्कूटी में ही आग लगा दी।
CAIT के व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी के प्रावधान बहुत ही जटिल, कठोर और पीछे ले जाने वाले हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी के विरोध तथा ई-वे बिल कानूनों को खत्म करने को लेकर ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। व्यापारियों के इस बंद को संयुक्त किसान मोर्चा का भी साथ मिला है। एसकेएम ने किसानों से कहा है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से भारत बंद में शामिल हों। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एसकेएम जीएसटी और बढ़ती तेल की कीमतों की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहे व्यापारी वर्ग के साथ हैं।
भारत में ट्रांसपोर्टरों का शीर्ष निकाय ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने उम्मीद जताई है कि हड़ताल के चलते आज लाखों ट्रक सड़कों पर नहीं चलेंगे। एआईटीडब्ल्यूए ने ई-वे बिल को ई-चालान में बदलने और डीजल की कीमतों में तत्काल कमी लाने की मांग की है।
इस बीच अखिल भारतीय ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र आर्य ने सभी परिवहन कंपनियों से अपील की है कि वे आज सांकेतिक विरोध के रूप में अपने वाहनों को पार्क कर दें। उन्होंने कहा कि सभी ट्रांसपोर्टर अपने गोदाम में विरोध बैनर लगाएं और किसी भी सामान को बुक या लोड न करें। महाराष्ट्र और हरियाणा के ट्रक चालकों ने भारत बंद में शामिल होने और समर्थन करने का ऐलान कर दिया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से शांतिपूर्वक 'भारत बंद' में भाग लेने की अपील की। मोर्चा ने एक बयान में कहा कि वह शुक्रवार को परिवहन और ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' का समर्थन करता है। "हम देश के सभी किसानों से अपील करते हैं कि वे सभी 'भारत बंद' प्रदर्शनकारियों का शांतिपूर्वक समर्थन करें और भारत बंद को सफल बनाएं।"
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते हुई है। आने वाले समय में दाम अपने आप कम हो जाएंगे। ये अंतरराष्ट्रीय मामला है। बढ़ती मांग के चलते दाम बढ़े हैं।
ईंधन की बढ़ती कीमतों और जीएसटी के प्रावधानों के खिलाफ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' के मद्देनजर देश भर में प्रदर्शन हुए। पश्चिम बंगाल, दिल्ली और असम में भी प्रदर्शन किया गया।
केरल के तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ी कीमतों को लेकर अपना विरोध जताने के लिए ऑटो रिक्शा चालकों के साथ रस्सी से ऑटो खींचा। शशि थरूर ने कहा, 'जहां अमेरिका में लोग पेट्रोल पर 20% टैक्स दे रहे हैं, वहीं हम 260% टैक्स दे रहे हैं।'
जयपुर ट्रक एसोसिएशन के गोपाल सिंह राठौर ने कहा है कि डीज़ल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतें और GST में जोड़ी गई धाराएं ट्रांसपोर्टर और ट्रक मालिकों के लिए बहुत घातक हैं। मोदी जी ने वन नेशन वन टैक्स का नारा दिया था हमारी मांग है कि इसको भी GST में शामिल किया जाए। राज्य सरकार ने भी वैट बढ़ा रखा है।
बिहार के बेगूसराय में जीएसटी के प्रावधानों के खिलाफ व्यवसायियों ने नेशनल हाईवे-31 को जाम कर दिया। व्यापारी संगठन कैट से जुड़े लोगों ने यहां जीएसटी कानून वापस लेने की मांग उठाई। साथ ही भारत बंद के तहत शहर के महादेव चौक पर जाम लगा दिया। कुछ व्यापारियों ने जीएसटी कानून को काला कानून तक करार दे दिया।
देश की सर्वोच्च व्यापारी संस्था कॉन्फेडरेशन ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा 26 फरवरी को भारत व्यापार बंद का आह्वान किया है कैट के पूर्व प्रवक्ता एवं सदस्य विवेक साहू ने बताया कि मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, गवालियर, जबलपुर, सतना, रीवा, सागर, विदिशा, होशंगाबाद, नीमच, नरसिंहपुर, उज्जैन सहित मध्य प्रदेश के सभी व्यापारी संस्थाएं जीएसटी की विसंगतियों एवं जटिलताओं को लेकर भारत बंद को अपना समर्थन दिया है। जीएसटी लागू होने के बाद 4 साल में 937 से ज्यादा बार संशोधन हो गए हैं।
देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का विरोध कर रहे व्यापार संगठनों के प्रदर्शन में राजनीतिक दल भी कूद गए हैं। अकाली दल के बाद शिवसेना ने भी तेल के बढ़ते दामों पर जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक स्कूटी में आग लगा दी। साथ ही 'बहुत हुई मंहगाई की मार, रहम करो मोदी सरकार' नारे लिखे पोस्टर भी लहराए।
बॉम्बे गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (बीजीटीए) के सचिव सुरेश खोसला ने कहा, “बीजीटीए मुख्य रूप से जीएसटी के तहत गैर-व्यावहारिक ई-वे बिल और डीजल की अस्थिर मूल्य नीति समेत परिवहन उद्योग के विभिन्न मुद्दों पर सरकार से लगातार सुधार की मांग करता रहा है। हमारे पदाधिकारी भी अपनी समस्याओं को बताने के लिए नियमित रूप से सरकारी अधिकारियों से मिलते रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है।”
केरल के तिरुवनंतपुरम में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इसमें सांसद शशि थरूर भी शामिल हुए। कार्यकर्ताओं ने केरल के सचिवालय के सामने झंडे दिखाकर कई घंटों तक विरोध में नारे लगाए।
देशभर में तेल की बढ़ती कीमतों का विरोध जारी है। व्यापार संघ कैट के भारत बंद के आह्वान के बाद अलग-अलग पार्टियों के नेता भी पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का विरोध कर रहे हैं। गुरुवार को ममता बनर्जी के स्कूटी चलाकर सचिवालय पहुंचने के बाद शुक्रवार को राजद नेता तेजस्वी यादव भी साइकिल चलाकर सचिवालय पहुंचे।
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के जीएसटी के प्रावधानों और तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ चल रहा भारत बंद कई जगहों पर असर दिखा रहा है। ओडिशा के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में भी कई जगहों पर दुकानों के साथ सड़कों को खाली देखा गया। दरअसल, व्यापारियों की इस हड़ताल को परिवहन सेवाओं से जुड़े संघों का भी समर्थन मिला है। इसलिए कई जगहों पर सड़कें खाली हैं।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया है कि शुक्रवार को देशभर में जीएसटी प्रावधानों और तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ 1,500 स्थानों पर धरना दिया जाएगा। सभी बाजार बंद रहेंगे। 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठनों से जुड़े करीब 8 करोड़ कारोबारी बंद को समर्थन दे रहे हैं।
बॉम्बे गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (BGTA) ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में व्यापार संगठन की ओर से बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में 10 लाख से ज्यादा ट्रक सड़कों से दूर रहेंगे। बता दें कि यह बंदी सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक लागू रहेगी। इस दौरान व्यापारी दुकानें बंद रखने के साथ जीएसटी फाइलिंग जैसे कामों को भी बंद रखेंगे।
किसान एकता मोर्चा ने जीएसटी के प्रावधानों और तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ व्यापार संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया है। एसकेएम ने कहा है कि सरकार को इस तरह के अन्यायपूर्ण संशोधनों में सुधार करना चाहिए। साथ ही संगठन ने #FarmersSupportTraders यानी किसान व्यापारियों का समर्थन करते हैं हैशटैग ट्रेंड कराया।
जीएसटी के प्रावधानों के खिलाफ व्यापार संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद का असर अब दिखना शुरू हो गया है। ओडिशा के भुवनेश्वर में सड़कों पर वाहनों की संख्या पहले से कुछ कम दिखी, वहीं बाजारों में भी काफी कम भीड़ रही।
व्यापार संघ और परिवहन सगंठनों के भारत बंद को समर्थन के बाद लोगों में अहम व्यवस्थाओं के बंद होने का डर है। हालांकि, इस बंद से आवश्यक सेवाओं को दूर रखा गया है। यानी मेडिकल की दुकानें, अस्पताल, दूध-राशन की दुकानें, फल-सब्जी की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी। यहां तक कि बैंक सेवाओं पर भी इस बंद का असर पड़ने की उम्मीद नहीं है।
व्यापार संघ कैट के शुक्रवार को किए जा रहे भारत बंद को ज्यादातर व्यापार संगठनों और ट्रांसपोर्ट यूनियनों का समर्थन मिल रहा है, हालांकि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) और भाईचारा ऑल इंडिया ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन (BAITOWA) विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे।
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और टैक्स एडवोकेट्स के संघों ने जीएसटी नीतियों के विरोध में व्यापारियों की हड़ताल का समर्थन किया है। ऐसे में उनकी सेवाएं प्रभावित रहने की संभावना है। CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, महिला उद्यमी, छोटे उद्योग, फेरीवाले, अन्य लोग शुक्रवार के बंद में शामिल होंगे।
व्यापारी संगठन की तरफ से बुलाए गए भारत बंद का असर आज बाजारों में देखने को मिल सकता है। दरअसल, बंद में 40 हजार संघों के शामिल रहने की वजह से वाणिज्यिक बाजार नहीं खुलने के आसार हैं। हालांकि, यह संगठनों के निर्णय पर निर्भर है। दूसरी तरफ AITWA ने परिवहन संगठनों को सुबर 6 से 8 बजे तक गाड़ियां पार्क करने के लिए कहा है। इससे परिवहन सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
कैट (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पिछले 4 साल में जीएसटी में 950 से ज्यादा संशोाधन हो चुके हैं। इसके अलावा जीएसटी पोर्टल से जुड़ी तकनीकी दिक्कतें बनी हुई हैं। इससे जीएसटी के अनुपालन का व्यापारियों पर बोझ बढ़ा है। उनकी केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद से मांग है कि वे जीएसटी के कड़े प्रावधानों को खत्म करें।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में डेरा जमाए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भी व्यापारियों के शुक्रवार को बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया है। एसकेएम ने किसानों से कहा है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से भारत बंद में शामिल हों। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एसकेएम जीएसटी और बढ़ती तेल की कीमतों की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहे व्यापारी वर्ग के साथ हैं।
AITWA यानी ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर असोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा है कि सभी राज्य स्तरीय परिवहन संघ एक दिवसीय हड़ताल करें। वाहनों को एक दिन के लिए रोक दें। इससे पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के प्रति विरोध प्रदर्शित होगा।
आज 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संघ इस हड़ताल में भाग ले सकते हैं। देशभर में परिवहन की सेवाओं पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है। इसके अलावा बुकिंग और बिल से जुड़ी सेवाएं भी प्रभावित होंगी। सीए और टैक्स ऐडवोक्ट्स के संघ ने भी हड़ताल का ऐलान किया है। एसेंशल सर्विस, मेडिकल स्टोर, दूध, सब्जी की सेवाएं भी बाधित होंगी। हालांकि उम्मीद है कि बैंकों पर असर नहीं दिखाई देगा।