भाजपा के दलित नेता और केन्द्रीय मंत्री उदित राज का कहना है कि दलितों के गुस्से को समझने की जरूरत है और यह जानने की जरूरत भी है कि कम्युनिकेट करने में कहां चूक हुई। उदित राज ने कहा कि मैं ये पूछना चाहता हूं कि इन आंदोलनों का संयोजक कौन है? उदित राज ने कहा कि मैं भारत बंद के बारे में सुन रहा हूं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि ऐसा कुछ होगा। भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी और ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ एससी-एसटी संगठन के प्रमुख उदित राज ने आगे कहा कि इस आंदोलन के कई कारण हैं, लेकिन इसके प्रमुख कारण को समझने की जरूरत है। दलितों में गुस्सा है।
उदित राज ने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया निर्णय आरक्षण के खिलाफ था। इसके साथ ही कम्युनिकेशन संबंधी परेशानी भी हुई। इसे तुरंत सुलझाया जाना चाहिए। हाल की कुछ घटनाओं से दलित काफी गुस्से में हैं। साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया सर्कुलर जिसमें बीआर अंबेडकर के नाम में रामजी जोड़ने की बात थी, इसके कारण भी लोगों में गुस्सा था। बता दें कि अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम को कमजोर करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में आयोजित भारत बंद के दौरान देश के कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में 10 लोगों की मौत हो गई, वहीं कई लोग घायल हुए हैं।
भारत बंद के दौरान हुई हिंसा में मध्य प्रदेश में 6, यूपी में 2 और राजस्थान, बिहार में 1 व्यक्ति की मौत हो गई। इस बीच केन्द्र सरकार ने प्रदर्शनकारी दलितों से शांत रहने की अपील की है और सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले की समीक्षा के लिए याचिका भी दाखिल कर दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी विरोध-प्रदर्शनों को समर्थन देने का एलान किया है। हालांकि, उन्होंने प्रदर्शनकारियों द्वारा फैलायी जा रही हिंसा की निंदा भी की। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को दिए अपने फैसले में एससी-एसटी अत्याचार रोकथाम अधिनियम के दुरुपयोग की आशंका को देखते हुए उसकी कुछ धाराओं में बदलाव किया है। कोर्ट के ताजा फैसले के बाद इस कानून के तहत अब आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है।