भारत बंद, Bharat Bandh Today News in Hindi: सवर्णों के भारत बंद का असर सबसे ज्यादा बिहार और मध्य प्रदेश में दिखा। दोनों ही राज्यों में सड़क से लेकर रेल ट्रैक तक का चक्का जाम किया गया। जगह-जगह नारेबाजी, रैली, आगजनी और पुतला दहन किया गया। कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारी उग्र हुए, तो पुलिस को लाठियां भांजनीं पड़ीं। एक जगह एक व्यक्ति का सिर भी फटा। वहीं, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के भी कई जिलों में बंद का प्रभाव रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधनों के खिलाफ उनका पुतला जलाया गया। बनारस हिंदू विवि (बीएचयू) के छात्रों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, विरोध सुरक्षा कारणों के चलते कई जगहों पर दुकानें, बाजार और स्कूल बंद रहे। हालांकि, इन चारों राज्यों में कई जगहों पर चीजें बिल्कुल सामान्य थीं। फिर भी पुलिस और प्रशासन ने इसके लिए तैयारी की थी। ग्वालियर में तो ड्रोन कैमरों के जरिए प्रदर्शनकारियों पर नजर रखी गई।
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भारत बंद को लेकर उत्तर प्रदेश के बलिया में विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने उस दौरान पुलिस पर पथराव कर दिया। घटना में कुल नौ लोग जख्मी हुए हैं, जिनमें छह पुलिस वाले और तीन अन्य लोग हैं। उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, बीजेपी विधायक ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं। रिपोर्ट्स में उनके हवाले से कहा गया, "मुझे सवर्णों ने विधायक बनाया है। मुस्लिम-दलितों ने नहीं। सवर्ण जो चाहेंगे, मैं वह कुर्बानी देने को तैयार हूं। सवर्ण समर्थक बोलेंगे कि विधायक पद से त्यागपत्र दे दो, तो मैं त्यागपत्र भी दे दूंगा।"
मध्य प्रदेश के कई जिलों की तरह शहडोल में भी बंद का असर दिखा। दोपहर बाद यहां पर माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका, तो वे बेकाबू हो गए। हालात संभालने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं। घटना के दौरान एक युवक का सिर फट गया, जबकि तीन लोग जख्मी हुए। आनन-फानन में उन लोगों को पास के अस्पताल ले जाया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत बंद का कोई मतलब नहीं है। वह गुरुवार को सूबे के गोंडा जिले में बाढ़ पीड़ितों से मिलने आए थे। उमरी बेगमगंज में पत्रकारों ने उसी दौरान उनसे बंद को लेकर सवाल किए। सीएम ने कहा, "भारत बंद का कोई मतलब नहीं है। लोगों की अपनी भावनाएं हैं। लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है।"
सवर्णों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का असर बिहार-मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश (यूपी) में भी दिख रहा है। प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताते हुए आगरा में एक ट्रेन रोक दी। वहीं, यहां एक जगह बस में तोड़फोड़ व आगजनी किए जाने की खबर भी है। बंद को ध्यान में रखते हुए खुफिया विभाग ने राज्य में कुल 11 जिले संवेदनशील बताए हैं।
बिहार के मुजफ्फरपुर में भारत बंद समर्थकों ने जन अधिकार पार्टी के सांसद पप्पू यादव पर हमला कर दिया। वह घटना के वक्त वह मधुबनी जा रहे थे, जहां से वह पदयात्रा शुरू करने वाले थे। बिहार में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के लिए वह यह पदयात्रा करने वाले थे।
कर्पूरीग्राम में 12553 वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस कर्पूरीग्राम
समस्तीपुर में 12565 बिहार संपर्कक्रांति एक्सप्रेस
दुभा में 13019 काठगोदाम एक्सप्रेस
समस्तीपुर में 63215 मुजफ्फरपुर पैसेंजर
दरभंगा में 14673 अमृतसर जयनगर शहीद एक्सप्रेस
दरभंगा में 11062 दरभंगा-लोकमान्य तिलक टर्मिनस पवन एक्सप्रेस
धोली में 15549 जयनगर पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस
उजियारपुर में 15232 बरौनी गोंदिया एक्सप्रेस
नजीरगंज में 18181 टाटा छपरा एक्सप्रेस
प्रदर्शनकारियों ने जहानाबाद में एएसपी के काफिले पर पत्थरबाजी कर दी, जिसमें उन्हें चोटें आई हैं। एएसपी को जहानाबाद के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज जारी है।
उत्तर प्रदेश के हरदोई में अधिवक्ताओं ने भारत बंद का खुल कर समर्थन किया। विरोध प्रदर्शन के वक्त उन्होंने पुतला फूंका और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वे उस दौरान जोर-जोर से चिल्ला रहे थे- तिलक-तराजू और तलवार, बिदक गई तो गई सरकार। अधिवक्ताओं ने इसी के साथ सरकार को धमकी दी कि अगर एससी-एसटी एक्ट के संशोधन वापस न लिए गए, उसे इसका नतीजा आगामी लोकसभा चुनाव में चुकाना पड़ेगा।
उधर, बिहार के नवादा में स्वैट टीम और प्रदर्शनकारियों के बीच दोपहर को झड़प हो गई। 10 लोगों के जख्मी होने की खबर है। वहीं, आरा में पुलिस ने प्रदर्शन उग्र होने पर विरोध जता रहे लोगों पर बुरी तरह लाठियां भांजीं। आरा सूबे में राजपूत समुदाय का बढ़ा गढ़ माना जाता है। वहीं, मध्य प्रदेश के रीवा में सड़क के बीचो-बीच टायर फैला कर उनमें आग लगा दी गई। यहां प्रदर्शनकारियों के ऐसा करने से यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
मध्य प्रदेश में बीते एक हफ्ते से एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधनों के विरोध में प्रदर्शन जारी थे। प्रदर्शनकारियों ने उस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई राजनीतिक दिग्गजों को काले झंडे दिखाए थे।
मध्य प्रदेश में बंद के बीच एक आदिवासी समूह ने कहा है कि राज्य में आदिवासी सरकार बनाने के लिए वे लोग इस बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। जय आदिवासी युवा शक्ति (जेएवाईएस) ने दावा किया है कि 10 राज्यों में उसके तकरीबन 15 लाख सदस्य हैं। संस्थापक हीरालाल अलावा ने कहा, "हम देश के 10 राज्यों में आदिवासियों को एकजुट करने के मकसद से काम कर रहे हैं।"
सवर्णों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का सबसे अधिक असर बिहार-मध्य प्रदेश में दिख रहा है। चहल-पहल वाले इलाकों-बाजारों में सन्नाटा पसरा है। सुरक्षा कारणों से पेट्रोल पंप और स्कूल भी बंद हैं। सड़क से लेकर रेल पटरियों तक प्रदर्शन जारी हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में भी विरोध प्रदर्शन और हंगामे की खबर है। हालांकि, पुलिस और प्रशासन इस बाबत सतर्क है। दावा किया जा रहा है कि वे किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं।
बंद के दौरान बिहार के लखीसराय में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का झंडा जला दिया। वहीं, भोपाल में जगह-जगह कुछ बैनर लगे दिखे, जिनमें लोगों ने अपील की कि राजनेता वोट न मांगने आएं। बैनर पर लिखा था, "मैं सामान्य वर्ग से हूं। कृपया कोई भी राजनीतिक दल वोट मांग कर शर्मिंदा न करे।"
बिहार की राजधानी पटना में भी भारत बंद का असर दिखा। यहां जनता दल (यूनाइटेड) के दफ्तर के ठीक बाहर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की गई। वहीं, बिहार में पेट्रोल पंप बंद रहे। पंप पर नोटिस लगे मिले, जिन पर लिखा था- छह सितंबर को भारत बंद होने के कारण पंप सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक बंद रहेगा।
मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने पीटीआई को बताया, "हमनें सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक पेट्रोल पंप बंद रखने का फैसला किया है। कुछ संगठनों ने बंद बुलाया है, लिहाजा यह फैसला सुरक्षा कारणों के चलते किया गया है।"
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सुबह विरोध प्रदर्शन हुए। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों ने हैदराबाद गेट पर पीएम का पुतला जलाया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं, बिहार के आरा जिले में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठियां भांजीं।
बिहार और मध्य प्रदेश में भारत बंद का सबसे अधिक असर दिख रहा है। कहीं पर प्रदर्शनकारियों ने सड़क-हाईवे और रेल ट्रैक जाम किया, तो कहीं पुतला दहन और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए। बिहार के बख्तियारपुर में आगजनी भी हुई। आलम यह है कि कुछ जगहों पर तो पुलिस-प्रशासन प्रदर्शनकारियों पर ड्रोन कैमरों से निगरानी रख रहा है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी भारत बंद का प्रभाव देखने को मिला। जगह-जगह सुबह से दुकानों के शटर गिरे रहे। राजस्थान के कोटा शहर से भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें आई हैं। भीड़-भाड़ वाले इलाकों और चहल-पहल वाले चौक-चौराहों के आसपास सन्नाटा रहा।
ग्वालियर में ड्रोन से प्रदर्शनकारियों पर निगरानी रखी जा रही है। एसडीएम नरोत्तम भार्गवी ने बताया, "भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया गया है। हम हर तरह की स्थिति का सामना करने करने के लिए तैयार हैं। कई जगहों पर धारा 144 लगाई गई है। फिलहाल यहां शांति का माहौल है
पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया। महाराष्ट्र के थाने स्थित नवघर इलाके में प्रदर्शनाकारियों ने रैली निकाली। राजस्थान के अजमेर में कई जगहों पर दुकानें बंद नजर आईं। मोकामा में टायर आग के हवाले कर दिए। प्रदर्शनकारियों ने उस दौरान जोर-जोर से नारेबाजी की।
बिहार के दरभंगा और मुंगेर के मसौदन इलाके में प्रदर्शनाकारियों ने ट्रेनें रोक दीं। वे ट्रेन के इंजन के अगले हिस्से पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए। वहीं, मध्य प्रदेश के भोपाल में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। पुलिस का कहना है, "जिले भर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। फिलहाल यहां शांतिपूर्ण माहौल है। पर कोई भी किसी से जबरदस्ती बंद का हिस्सा बनने के लिए दबाव नहीं डाल सकता है।"
पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में सवर्णों के करीब 35 संगठनों ने गुरुवार को 'भारत बंद' बुलाया है। मध्य प्रदेश प्रशासन इसे लेकर पूरी तरह सतर्क है। जगह-जगह भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
बंद के बीच बिहार के कई जिलों में जमकर हंगामा कटा। कहीं सड़क पर टायर जलाए गए, तो किसी जगह ट्रैक पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन ही रोक दी। वहीं, उत्तर प्रदेश में प्रदर्शनकारियों ने आगरा-ग्वालियर हाईवे का चक्का जाम कर दिया, जबकि मध्य प्रदेश के 18 जिलों में इस बंद के मद्देनजर धारा 144 लागू की गई।
सवर्णों द्वारा बुलाए गए भारत बंद से राजस्थान के कई जिले भी प्रभावित हुए। अलवर में सवर्ण समाज के लोगों ने सड़क पर आकर विरोध प्रदर्शन किया। यहां तक कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी की।
दो अप्रैल को आरक्षित वर्ग द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान ग्वालियर-चंबल अंचल में सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी। उस दौरान चार लोगों की जान चली गई थी, लिहाजा प्रशासन और पुलिस पूरी तरह सतर्क है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी भारत बंद का असर देखने को मिला। एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधनों के विरोध में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते व पुतला फूंकर विरोध जताते प्रदर्शनकारी। (फोटोः ANI)
भारत बंद के मद्देनजर मध्य प्रदेश के 35 जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। सुरक्षा बलों की 34 टुकड़ियां और तकरीबन 5000 सुरक्षाकर्मियों को जगह-जगह तैनात किया गया है।
SC/ST एक्ट के विरोध में लोग लखीसराय के NH-80 पर उतर गए हैं। प्रदर्शन की वजह से कई जगह वाहनों की लंबी कतारें लग गई है। खगड़िया के NH-31 पर भी लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां भी सड़कों पर लंबा जमा लगा हुआ है। नालंदा में भी कई जगहों पर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां सड़कों पर आगजनी की खबरें हैं।
ब्राह्मण समागम सवर्ण जनकल्याण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने कहा है कि ऊंची जाति और ओबीसी समाज के 150 से ज्यादा संगठन भारत बंद में हिस्सा लेंगे। हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे। हम इस कानून को वापस लेने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि एससी/एटी को छोड़कर समाज के सभी वर्ग इस संशोधन से प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा हम देश के सभी सांसदों को पत्र लिखेंगे।
ब्राह्मण समागम सवर्ण जनकल्याण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने कहा है कि ऊंची जाति और ओबीसी समाज के 150 से ज्यादा संगठन भारत बंद में हिस्सा लेंगे। हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे। हम इस कानून को वापस लेने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि एससी/एटी को छोड़कर समाज के सभी वर्ग इस संशोधन से प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा हम देश के सभी सांसदों को पत्र लिखेंगे।
ब्राह्मण समागम सवर्ण जनकल्याण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने कहा है कि ऊंची जाति और ओबीसी समाज के 150 से ज्यादा संगठन भारत बंद में हिस्सा लेंगे। हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे। हम इस कानून को वापस लेने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि एससी/एटी को छोड़कर समाज के सभी वर्ग इस संशोधन से प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा हम देश के सभी सांसदों को पत्र लिखेंगे।
एससी/एसटी एक्ट के विरोध में बिहार के मोकामा में लोग भाजपा का झंडा लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन की वजह से यहां करीब बीस किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। एक्ट के विरोध में यहां नारेबाजी की जा रही है।
एससी/एसटी एक्ट के विरोध में बिहार के आरा के अलावा राज्य के कई अन्य जिलों में प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग भाजपा का झंडा लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों ने छपरा के भिखारी ठाकुर चौक को जाम कर दिया है। आरा में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन ने रोक दी है।
सवर्णों के भारत बंद आह्वान के चलते बिहार में बंद का असर देखने को मिल रहा है। यहां राज्य के आरा और छपरा जिलें में कई जगह लोगों ने एससी/एसटी एक्ट के विरोध में प्रदर्शन किया है। कई जिलों में ट्रेनें भी रोकी गई है।
मध्य प्रदेश में सवर्णों द्वारा बुलाए भारत बंद के चलते भिण्ड के जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले में सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। इसके अलावा जबलपुर की जिला कलेक्टर छवि भारद्वाज ने बंद को देखते हुए गुरूवार शाम छह बजे तक जिले में इंटरनेट सेवा प्रतिबंधित करने का आग्रह करते हुए प्रदेश के गृह विभाग को पत्र लिखा है। वहीं मध्यप्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) मकरंद देउस्कर ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘छह सितम्बर को बंद को देखते हुए अधिकांश जिलों में प्रशासन द्वारा एहतियाती तौर पर धारा 144 से लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि विशेष सशस्त्र बल की 34 कंपनियां प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात की गई हैं।
उच्चतम न्यायालय के आदेश को पटलने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एससी/एसटी कानून में संशोधन के खिलाफ कतिपय सवर्ण संगठनों द्वारा गुरुवार छह सितम्बर को आहूत ‘भारत बंद’ के मद्देनजर मध्यप्रदेश के सभी पेट्रोल पम्प मालिकों ने अपने प्रतिष्ठान बंद करने फैसला किया है।