Bharat Bandh 2018 Today News, Bharat Band Today 9th August 2018: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दलितों के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला। दिल्ली में दलितों के एक प्रदर्शन के दौरान उन्होंने कहा, “पीएम की विचारधारा दलित विरोधी है। जहां भी बीजेपी सरकार है, वहां दलितों को खुले आम मारा-पीटा जाता है। हम ऐसे हिंदुस्तान नहीं चाहते हैं। देश में सबके लिए जगह होनी चाहिए। देश के भविष्य में सबको जगह मिले और सबकी प्रगति हो। हम ऐसा हिंदुस्तान चाहते हैं, जिसके लिए एक इंच पीछे नहीं हटेंगे।”
वहीं, गुजरात से निर्दलीय विधायक और दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवाणी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से पूछा कि क्या आप उन लोगों के यहां गए हैं, जिन्होंने दो अप्रैल के भारत बंद में अपने परिजन को खो दिया? मध्य प्रदेश में छह दलित मारे गए थे, पर अभी तक आरोपी फरार हैं। ऐसे में एसी-एसटी एक्ट कैसे लोगों की मदद करेगा?
बता दें कि दलित संगठनों ने विभिन्न मांगों को लेकर भारत बंद को वापस लेने की घोषणा की थी। ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा ने एक लिखित बयान जारी कर इसकी घोषणा की। संगठन के मुताबिक, एससी/एसटी एक्ट को लेकर उनकी तरफ से की गई मांगें पूरी हुई हैं। एक चैनल को महासभा के अध्यक्ष अशोक भारती ने बताया कि वह सरकार को अन्य मांगें पूरी करने के लिए और वक्त दे रहे हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत बंद को समाप्त नहीं किया गया है, बल्कि उसे टाला गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि केंद्र द्वारा बाकी बची मांगों को न मानने पर फिर से बंद बुलाया जाएगा।
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दलितों के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा, "पीएम की विचारधारा दलित विरोधी है। जहां भी बीजेपी सरकार है, वहां दलितों को खुले आम मारा-पीटा जाता है। दबाया जाता है। हम ऐसे हिंदुस्तान नहीं चाहते हैं। देश में सबके लिए जगह होनी चाहिए। देश के भविष्य में सबको जगह मिले और सबकी प्रगति हो। हम ऐसा हिंदुस्तान चाहते हैं, जिसके लिए एक इंच पीछे नहीं हटेंगे।"
जिग्नेश मेवाणी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को टैग करते हुए एक ट्वीट किया। लिखा, 'क्या आप उन लोगों के यहां गए हैं, जिन्होंने दो अप्रैल के भारत बंद में अपने परिजन को खो दिया? मध्य प्रदेश में छह दलित मारे गए थे। छह केसों में पांच केसों में एक भी आरोपी गिरफ्तार न किया जा सका। यहां तक कि पीड़ित परिवारों को पुलिस सुरक्षा भी मुहैया नहीं कराई गई। ऐसे में हालिया एससी-एसटी विधेयक मदद नहीं कर सकेगा।'
दलित संगठनों के नौ अगस्त को भारत बंद वापस लेने पर ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा की टिप्पणी आई। बुधवार (आठ अगस्त) को उनकी ओर से कहा गया, "एससी/एसटी एक्ट को लागू करने की हमारी बड़ी मांग पूरी हो गई।"
दलित संगठनों ने भारत बंद को वापस लेने की घोषणा जरूर कर दी, लेकिन अब इस पर सियासत की रोटियां सेकीं जाने लगी हैं। जंतर-मंतर पर दलित प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल हुए। राहुल ने इस मौके पर एससी/एसटी एक्ट में भविष्य में किसी तरह का छेड़छाड़ न करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा ही दलितों के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट पर अहम फैसला दिया था। फैसले में इस कानून में कुछ बदलाव किया गया था। उसी वक्त से इसका विरोध शुरू हो गया था। खासकर दलित संगठनों ने इसका खासा विरोध किया था। इसके बाद मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए संसद में विधेयक लाना पड़ा। अगले साल लोकसभा के चुनाव होने हैं, उससे पहले कई बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में बीजेपी किसी तरह का खतरा नहीं लेना चाहती थी।
NDA के कुछ सहयोगी दल भी बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं। एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के जिस जज ने फैसला दिया था, उन्हें NGT के प्रमुख के पद से हटाने की मांग भी की जा रही है। केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए के कई घटक दलों ने खुलेआम इसकी मांग की थी। इसके लिए बाकायदा दलित सांसदों की बैठक भी हुई थी। हालांकि, मोदी सरकार ने इस मसले पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है।
कुछ दलित संगठनों ने ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा द्वारा बुलाए गए भारत बंद में शामिल न होने का फैसला किया है। इससे आंदोलन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। बता दें कि अप्रैल महीने में दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में हिंसक घटनाएं हुई थीं। बाद में हिंसा में कुछ अराजक तत्वों के भी शामिल होने की बात सामने आई थी। पिछले अनुभव को देखते हुए सभी राज्य पहले से ही सतर्कता बरत रहे हैं।
दलित संगठनों के भारत बंद को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सुरक्षा-व्यवस्था सख्त कर दी गई है। पुलिस हाई अलर्ट पर है। डीजीपी मुख्यालय की तरफ से प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अध्यक्षों के लिए सतर्कता से जुड़े निर्देश जारी कर दिए गए हैं। डीजीपी मुख्यालय की तरफ से एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने प्रदेश के सभी जिलों की पुलिस कप्तानों व अफसरों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी एडीजी, आईजी, डीआईजी, एसएसपी को संवेदनशील जगहों पर विशेष निगरानी करने का आदेश दिया गया है। इनमें हवाई अड्डों, प्रमुख धार्मिक स्थलों से लेकर सभी सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा स्टेट इंटेलिजेंस और अन्य एजेंसियों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।