बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद सोमवार को दिल्ली में बीजेपी के पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हुई है। दिल्ली के बाद मिली लगातार दूसरी शिकस्त पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पार्टी ऑफिस पहुंचे। बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, “विरोधी दलों की एकजुटता भाजपा की हार का सबसे बड़ा कारण रहा।” उन्होंने कहा कि बीजेपी जनता के फैसले का सम्मान करती है और उम्मीद करती है कि बिहार की नई सरकार जनता से किए वादों को पूरा करेगी। कॉन्फ्रेंस में जेटली से पूछा गया कि क्या आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान की वजह से पार्टी की हार हुई? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कोई चुनाव एक बयान पर तय नहीं होता है। उसका अपना अलग गणित होता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि हार के कारणों के अलावा पार्टी जेडीयू, आरजेडी, कॉग्रेस के महागठबंधन को मिले वोट के बारे में भी कोई जिक्र करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, जेटली से कुछ सवाल जरूर पूछे गए, जिनका उन्होंने जवाब दिया। हार के बाद नेताओं पर कार्रवाई की बात पर जेटली ने बताया कि बैठक में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी सामूहिक तौर पर चुनाव जीतती और हारती है। महागठबंधन के दलों के बीच हुए वोट ट्रांसफर पर वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी को ऐसी उम्मीद नहीं थी, पर ऐसा हुआ।