पंजाब विधानसभा चुनावों की जंग अब और हिंसक हो गई है। बुधवार (11 जनवरी) को शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच भटिंडा में भिड़ंत हो गई। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर आप कार्यकर्ताओं पर गोली चलाई, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 लोगों को इस घटना के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और अकाली दल के सामने ज्यादा से ज्यादा वोट जीतने की चुनौती होगी तो आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में खुद को और स्थापित करने पर जोर देगी।

आपको बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा था कि वह अरविंद केजरीवाल को पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर सोचकर वोट करें। सिसोदिया के इस बयान पर विपक्ष ने उनपर पलटवार भी किया था। पंजाब में वरिष्ठ अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर अरविंद के लिए सिसोदिया द्वारा वोट मांगाना उनके प्लान का पर्दाफाश करता है। इसका मतलब साफ है कि आम आदमी पार्टी पंजाबियों पर विश्वास नहीं करती।

अब तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि अगर आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्ता में आती है तो अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि बुधवार को अरविंद केजरीवाल ने यह साफ कर दिया कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे और सीएम राज्य का ही कोई शख्स होगा।

इससे पहले आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने यह भी दावा किया था कि पंजाब और गोवा चुनाव लड़ने के लिए उनकी पार्टी के पास पर्याप्त फंड नहीं हैं। हालांकि, पार्टी की ओर से चुनाव आयोग के पास दाखिल किए गए हलफनामे से कुछ और ही कहानी सामने आई है। चुनाव आयोग को पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, आप को वित्त वर्ष 2012-13 से लेकर 2014-15 के बीच 110.06 करोड़ मिले। असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और पंजाब इलेक्शन वॉच जैसे गैर राजनीतिक संगठनों की रिपोर्ट से पता चलता है कि आम आदमी पार्टी को पंजाब में कांग्रेस या बीजेपी से ज्यादा फंड मिला।